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रायपुर, 1 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि विधि संकाय ने दो महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया । जुडेक्स 2.0 : सुराना और सुराना राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून मूट कोर्ट प्रतियोगिता और उन्नत शिक्षण शिक्षाशास्त्र और अनुसंधान पर एक व्यापक छह दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी)।
विश्वविद्यालय ने बताया कि जूडेक्स 2.0 के वर्चुअल राउंड की शुरुआत उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और उत्तराखंड लोक सेवा न्यायाधिकरण के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति उमेश चंद्र ध्यानी की गरिमामयी उपस्थिति के साथ हुई। न्यायमूर्ति ध्यानी के प्रेरक संबोधन में उभरते कानूनी पेशेवरों के करियर को आकार देने में मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया। यह आयोजन कलिंगा विश्वविद्यालय और सुराना एंड सुराना के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।
विश्वविद्यालय ने बताया कि विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. अजीमखान बी. पठान ने उत्साहपूर्ण स्वागत भाषण दिया, जिसके बाद कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. आर. श्रीधर ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने छात्रों में कानूनी कौशल और वकालत कौशल बढ़ाने में ऐसी प्रतियोगिताओं के महत्व को रेखांकित किया।
विश्वविद्यालय ने बताया कि श्री प्रीतम सुराना, पार्टनर- विवाद समाधान एवं प्रमुख - शैक्षणिक पहल, सुराना एंड सुराना इंटरनेशनल अटॉर्नीज ने भी अपने विचार साझा किए तथा प्रतिभागियों एवं संकाय सदस्यों को प्रेरित किया। पूरे भारत से 20 से अधिक टीमों ने भाग लिया, जो मानवाधिकार मुद्दों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सेमीफाइनल और फाइनल 17 अगस्त, को नया रायपुर में कलिंगा विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले हैं। इसके साथ ही, कलिंगा विश्वविद्यालय ने उन्नत शिक्षण शिक्षाशास्त्र और अनुसंधान पर छह दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का भी आयोजन किया।