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रायपुर-बिलासपुर में इक्का-दुक्का प्रकरण ही निपटे, दुर्ग सबसे बेहतर
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 1 अगस्त (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। प्रदेश के कमिश्नरी में राजस्व प्रकरणों का अंबार लगा है। पांचों संभाग में 15 हजार से अधिक राजस्व प्रकरण लंबित है। हाल यह है कि पिछले पांच माह में बिलासपुर कमिश्नर न्यायालय में तो सिर्फ एक प्रकरण ही निराकृत हो पाया है। सबसे ज्यादा सरगुजा कमिश्नर न्यायालय 6 हजार से अधिक प्रकरण लंबित है। इससे परे दुर्ग में सबसे अधिक 3 सौ से अधिक प्रकरणों का निपटारा किया गया है।
सरकार ने राजस्व प्रकरणों के जल्द से जल्द निपटारे पर जोर दे रही है, लेकिन कमिश्नरी न्यायालय में राजस्व प्रकरणों का ढेर लग गया है। प्रदेश के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा, और बस्तर संभाग में कुल मिलाकर 15 हजार 110 राजस्व प्रकरण लंबित हैं। सबसे बुरा हाल बिलासपुर संभाग का है, जहां पिछले पांच महीने में यानी एक मार्च से 31 जुलाई तक मात्र एक प्रकरण ही निराकृत हो पाए हैं। वर्तमान में बिलासपुर में अभी कमिश्नर की नई पदस्थापना नहीं हुई है। रायपुर कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ही बिलासपुर कमिश्नर के प्रभार पर थे। डॉ. अलंग 31 जुलाई को रिटायर हो गए।
मौजूदा हाल यह है कि बिलासपुर कमिश्नरी में 3032 राजस्व प्रकरण सुनवाई के लिए लंबित हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति रायपुर कमिश्नरी की भी है। रायपुर कमिश्नरी में पिछले 5 महीने में मात्र 2 प्रकरण निराकृत हो पाए हैं। यहां 3219 प्रकरण लंबित हैं। सरगुजा कमिश्नरी में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई की धीमी रफ्तार है। प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व प्रकरण सरगुजा कमिश्नरी में लंबित हैं। सरगुजा कमिश्नरी में 6176 प्रकरण सुनवाई के लिए लंबित हैं। अब तक पांच महीने में मात्र 61 प्रकरणों का निराकरण हो पाया है। यह स्थिति तब है जब सीएम विष्णुदेव साय राजस्व प्रकरणों के जल्द से जल्द निपटारे के लिए कह चुके हैं।
आदिवासी बाहुल्य बस्तर कमिश्नरी में भी राजस्व प्रकरणों की सुनवाई धीमी गति से चल रही है। पिछले पांच महीने में मात्र 24 प्रकरण निपटाए गए हैं। वर्तमान में 1606 प्रकरण लंबित हैं। प्रदेश में सबसे कम दुर्ग संभाग में राजस्व प्रकरण लंबित हैं। यहां प्रदेश के बाकी 4 कमिश्नरी की तुलना में सबसे कम प्रकरण लंबित हैं।
दुर्ग कमिश्नर सत्यनारायण राठौर ने जल्द से जल्द सुनवाई के लिए व्यक्तिगत तौर पर पहल की है, और इसका नतीजा यह रहा कि पिछले पांच महीने में 314 प्रकरण निराकृत हुए हैं। यहां कमिश्नर न्यायालय में राजस्व प्रकरणों का निराकरण तेजी से हो रहा है। प्रदेश में सबसे कम 1077 राजस्व प्रकरण सुनवाई के लिए बाकी रह गए हैं। राजस्व विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि कमिश्नर के पद पर दोहरे प्रभार होने की वजह से भी रायपुर-बिलासपुर में सुनवाई तेजी से नहीं हो पाई है। दुर्ग को छोडक़र बाकी कमिश्नरी में सुनवाई जल्द नहीं हो रही है, इसकी वजह से प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है।