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डब्ल्यूएचओ अनुसार 2020 में लंग्स कैंसर से लगभग 18 लाख की मौत-डॉ. हिशीकर
01-Aug-2024 5:52 PM
डब्ल्यूएचओ अनुसार 2020 में लंग्स कैंसर से लगभग 18 लाख की मौत-डॉ. हिशीकर

एनएच एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल ने किया जागरूक

रायपुर, 1 अगस्त। एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल में उपस्थित कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. देवव्रत हिशीकर ने बताया कि दुनियाभर में हर साल 1 अगस्त को वल्र्ड लंग्स कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है। यह खास दिन लोगों के बीच इस जानलेवा बीमारी के बारें में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. हिशीकर ने बताया कि फेफड़ों का कैंसर दुनिया में सबसे आम कैंसरों में से एक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, साल 2020 में फेफड़ों के कैंसर से लगभग 1.8 मिलियन लोगों की मौत हुई थी। पहली बार लंग्स कैंसर को लेकर साल 2012 में फोरम ऑफ इंटरनेशनल रेस्पिरेटरी सोसाइटीज ने इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग्स कैंसर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन की सहायता से यह कार्यक्रम आयोजित किया था।

डॉ. हिशीकर ने बताया किदुनिया भर में कैंसर के कारणों, लक्षणों, रोकथाम और निदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल  वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे' मनाया जाता है। यह खास दिन लोगों से इस जानलेवा रोग के शीघ्र निदान और उपचार के लिए अपनी जांच समय से करवाने का भी आग्रह करता है। वर्ल्ड लंग्स कैंसर डे 2024 की थीम है की हम एक साथ मजबूत हो कर फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए एकजुट हों। 

हॉस्पिटल ने बताया कि फेफड़ों में कैंसर होने के सबसे बड़े कारणों में धूम्रपान, नशीले पदार्थों का सेवन, प्रदूषण वाली हवा, तापमान का उतार-चढाव, सांस संबंधित बीमारी, जेनेटिक कारण हो सकते हैं। डॉ. हिशीकर इस क्षेत्र में अनुभवी है। उन्होंने रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में एमडी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी में डी.आर.एन.बी. की डिग्री हासिल की है।

हॉस्पिटल ने बताया कि डॉ. देवव्रत हिशीकर ने कई अस्पतालों में कई जटिल चिकित्सा मामलों को संभालने में योगदान दिया है। उन्हें सटीक निदान पर ध्यान देने और रोगियों का सहानुभूतिपूर्वक इलाज करने के लिए जाना जाता है। खांसी या निमोनिया जैसी परेशानियां ट्रीटमेंट के बाद भी वापस आती रहती हैं, लेकिन कभी-कभी यह फेफड़ों के कैंसर का प्रारंभिक संकेत भी हो सकता है।


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