राष्ट्रीय
नयी दिल्ली,2 अगस्त उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से उस याचिका पर जवाब मांगा जिसमें ट्रांसजेंडर, समलैंगिक और यौनकर्मियों को रक्तदान करने से रोकने वाले दिशानिर्देशों को चुनौती दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन और राष्ट्रीय रक्ताधान परिषद को नोटिस जारी किए।
शीर्ष अदालत कार्यकर्ता शरीफ डी रंगनेकर द्वारा 2017 के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
दिशानिर्देश में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों (एमएसएम) और महिला यौनकर्मियों को रक्तदाता बनने से बाहर रखा गया है।
वर्ष 2017 के दिशानिर्देश एचआईवी और हेपेटाइटिस संक्रमण या ‘ट्रांसफ्यूजन ट्रांसमिसिबल इंफेक्शन’ (टीटीआई) के जोखिम के कारण इन्हें रक्तदाता बनने से स्थायी रूप से रोकते हैं। (भाषा)