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नयी दिल्ली, 2 अगस्त। कवयित्री प्रिया वर्मा को उनके पहले कविता संग्रह ‘स्वप्न से बाहर पाँव’ के लिए 2024 का ‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार’ प्रदान किया गया है। आयोजक रज़ा फाउंडेशन ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
वर्मा के कविता संग्रह के बारे में चयनकर्ता एवं आलोचक मदन सोनी ने कहा कि उनकी कविताएं “बहुत जटिल मानवीय अनुभवों” को दर्शाती हैं।
सोनी ने कहा कि ये कविताएं संदर्भों की तात्कालिकता का अतिक्रमण कर अनुभव को उसकी सार्वकालिकता-सार्वभौमिकता के प्रकाश में पकड़ने का प्रयास करती हैं।
उन्होंने कहा कि वर्मा की कविताएं बार-बार ‘प्रेम’ पर एकाग्र होती हैं और उसकी बहुत सूक्ष्म तहों एवं सलवटों को उकेरती हैं तथा उसे मानवीय अस्तित्व के मूलगामी अभिप्राय के रूप में देखने का यत्न करती हैं।
सोनी ने कहा, ‘‘कविताएं जूझती और उलझती हैं, जिरह करती हैं, लेकिन सिर्फ दुनिया से नहीं, बल्कि खुद से भी।’’
हिंदी के चर्चित कवि भारत भूषण अग्रवाल का जन्म तीन अगस्त 1919 में उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था। वह सच्चिदानंद वात्स्यायन के काव्य संकलन ‘तार सप्तक’ में शामिल कवियों में से एक हैं।
अग्रवाल को उनके कविता संग्रह ‘उतना वह सूरज है’ के लिए 1978 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अग्रवाल की बेहतरीन रचनाओं में ‘जागते रहो’, ‘मुक्तिमार्ग’, ‘ओ अप्रस्तुत मन’ और ‘एक उठा हुआ हाथ’ शामिल हैं।
यह पुरस्कार अग्रवाल के परिवार ने 1979 में स्थापित किया था। इसके तहत समकालीन युवा कवि की सर्वश्रेष्ठ कविता को सम्मान दिया जाता है।
पिछले साल देवेश पथ सरिया को उनके कविता संग्रह ‘नूह की नाव’ के लिए यह पुरस्कार मिला था। (भाषा)