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स्वास्थ्य विभाग ने कुओं से पानी पीने से बचने की सलाह दी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 3 अगस्त। जिले में डायरिया का कहर जारी है, सैकड़ों परिवार इससे प्रभावित हैं। मल्हार क्षेत्र के ग्राम बुढीखार में डायरिया से 2 साल के शिशु की मौत हो गई है। वहीं, पूरे जिले में उल्टी-दस्त के नए 36 मरीजों की पहचान की गई है। इनमें से 17 मरीज अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर मरीजों का इलाज कर रही है।
रतनपुर डायरिया का हॉटस्पॉट बन गया था, जहां 20 दिनों से लगातार मरीज मिल रहे हैं। अब मल्हार क्षेत्र के बुढीखार और कोटा में भी डायरिया फैल गया है। बुढीखार गांव में वार्ड क्रमांक 7 निवासी राजकुमार केवर्त के 2 वर्षीय बेटे वीर की उल्टी-दस्त से मौत हो गई। गुरुवार से वीर को लगातार उल्टी-दस्त हो रही थी। शुक्रवार सुबह 5 बजे परिजनों ने उसे मल्हार स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मस्तूरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया। रास्ते में बालक की मौत हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम बुढीखार पहुंची और करीब 70 घरों का सर्वे किया। इस दौरान 16 मरीज मिले, जिनमें से 6 को भर्ती कराया गया। बिल्हा और रतनपुर क्षेत्र में भी 11-11 मरीजों की पहचान की गई है। डॉक्टरों की टीम तीनों क्षेत्रों में घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान कर रही है और गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर रही है।
कोटा क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप भी जारी है। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को 350 से ज्यादा घरों का सर्वे किया, जिसमें 6 मरीजों की पहचान की गई। अलग-अलग अस्पतालों में मलेरिया के 18 मरीज अभी भी भर्ती हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों को कुएं का पानी पीने से मना किया है। विभाग ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा पीने के लिए कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बरसात में प्रदूषित हो गया है। इस कारण डेढ़ दर्जन ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीडि़त हो गए हैं।
कोटा क्षेत्र के ग्राम केंदा के पास रहने वाले एक 6 वर्षीय बालक की भी संदिग्ध मौत हुई है। अचानक तबीयत बिगडऩे से कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो गई। बालक की मौत की वजह अस्पष्ट है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच कर रही है।