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बिलासपुर, 4 अगस्त। शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने डीआरएम की अनुपस्थिति में स्टेशन प्रबंधक टी. नित्यानंद को ज्ञापन सौंपा। इसमें कांग्रेस ने 72 यात्री ट्रेनों को रद्द करने का विरोध जताया और ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से करने की मांग की।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, महापौर रामशरण यादव, सभापति शेख नजीरुद्दीन, प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय, उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, शहर प्रवक्ता ऋषि पांडेय, महामंत्री समीर अहमद, ब्लॉक अध्यक्ष जावेद मेमन, पार्षद अजय यादव, साई भास्कर, पूर्व एल्डरमैन सुभाष ठाकुर और आईटी सेल महासचिव गौरव एरी ने ज्ञापन सौंपा।
शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि रेल प्रशासन मेंटेनेंस के नाम पर यात्री ट्रेनों का परिचालन बाधित कर रहा है, जबकि उन्हीं ट्रैकों पर उद्योगपतियों की गुड्स ट्रेनें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से छत्तीसगढ़ की कुछ एक्सप्रेस गाडिय़ों को छोडक़र अन्य गाडिय़ों का परिचालन रोका जा रहा है, जिससे गरीब जनता को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रेलवे के निजीकरण की साजिश है और यह छत्तीसगढ़ की जनता के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोहरा मापदंड है।
विजय पांडेय ने कहा कि अगस्त माह में कई बड़े त्योहार हैं, जैसे 15 अगस्त और हरेली। ऐसे में 4 अगस्त से 19 अगस्त के बीच 72 यात्री ट्रेनों का परिचालन बाधित करना गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिलासपुर सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू इस तीज-त्योहार में यात्री ट्रेनों का परिचालन करा पाएंगे या नहीं।
महापौर रामशरण यादव ने कहा कि लोग लाइन लगाकर रिजर्वेशन कराते हैं और फिर उन्हें पता चलता है कि उनकी ट्रेन रद्द हो गई है। उन्होंने इसे ‘मोदी मॉडल’ कहा और आरोप लगाया कि भारतीय रेल गरीबों, निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों, किसानों और मजदूरों के जीवन का आधार है, लेकिन आज उनकी जिंदगी ठहर सी गई है और समाज का एक वर्ग बेरोजगार हो गया है।
सभापति शेख नजीरुद्दीन ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का विशेष ध्यान रखा है और उन्हें विशेष छूट का लाभ दिया है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इन तमाम सुविधाओं को खत्म कर दिया और उनसे भी मोटी रकम कमा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल व्यापारियों की सरकार है और जन सुविधाओं की अनदेखी कर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचा रही है।
कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन में मांग की कि यात्री ट्रेनों का परिचालन सुचारू रूप से किया जाए और मेंटेनेंस के नाम पर ट्रेनों को रद्द करने की नीति पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना चाहिए और केवल उद्योगपतियों के हित में काम नहीं करना चाहिए।