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नयी दिल्ली, 6 अगस्त। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि 31 जुलाई तक 17 चिन्हित राज्यों में कुल 3.85 करोड़ लोगों की सिकल सेल एनीमिया के लिए जांच की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीएईएम) की शुरुआत की थी।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान नड्डा ने कहा कि मिशन के उद्देश्यों में सिकल सेल रोग (एससीडी) के सभी रोगियों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना, जागरूकता अभियानों के माध्यम से रोग के प्रसार को कम करना और 2025-26 तक आदिवासी क्षेत्रों के प्रभावित जिलों में 0-40 वर्ष की उम्र के सात करोड़ लोगों की जांच का लक्ष्य शामिल है।
उन्होंने कहा कि मिशन का उद्देश्य केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करना भी है।
नड्डा ने सदन में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि एनएससीएईएम के तहत जिला अस्पतालों से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) स्तर तक सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर जांच की जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सिकल सेल रोग के मरीजों को एएएम के माध्यम से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए विभिन्न सेवाएं और सुविधाएं प्रदान की जाती हैं जिनमें नियमित फॉलो-अप जांच, जीवनशैली प्रबंधन पर परामर्श, विवाह पूर्व और प्रसव पूर्व निर्णय, फोलिक एसिड की गोलियों के माध्यम से पोषण संबंधी सहायता, संकट के लक्षणों का प्रबंधन और उच्च सुविधाओं के लिए रेफर करना आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय की मदद से जागरूकता और परामर्श सामग्री विकसित की गई है।
नड्डा ने कहा कि मिशन के कार्यान्वयन में राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। मंत्री ने कहा कि हाइड्रोक्सीयूरिया दवा को उप-स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और शहरी पीएचसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और जिला अस्पतालों में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है ताकि यह आसानी से उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि एनएचएम के तहत, सिकल सेल रोगियों के खर्च को कम करने के उद्देश्य से हाइड्रोक्सीयूरिया की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
नड्डा ने बताया कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने अपने सिकल सेल मिशन कार्यक्रम के माध्यम से सिकल सेल रोग के उन्नत उपचार विकल्पों के लिए ‘‘जीन एडिटिंग थैरेपी’’ में अनुसंधान को बढ़ावा दिया। इसे सीएसआईआर की एक घटक प्रयोगशाला, सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली में 2017-2023 तक चलाया गया था।
नड्डा ने कहा कि रोग के शीघ्र निदान के लिए, जिला अस्पतालों से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) तक सभी स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं में 0-40 वर्ष की आयु के लिए जांच और परामर्श की सुविधाएं उपलब्ध हैं। (भाषा)