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किम्स अस्पताल में संपत्ति विवाद: डॉक्टर ने मां, भाई पर लगाया फर्जी दस्तावेज, वेतन गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
07-Aug-2024 11:46 AM
किम्स अस्पताल में संपत्ति विवाद: डॉक्टर ने मां, भाई पर लगाया फर्जी दस्तावेज, वेतन गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवादाता

बिलासपुर, 7 अगस्त। किम्स अस्पताल के सीनियर अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. वाई राजशेखर कृष्णा ने अपने छोटे भाई डॉ. वाई रविशेखर, मां श्रीमती वाई कमला और डॉ. सुधा राम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि इन तीनों ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के सहारे उनकी पारिवारिक संपत्ति और अस्पताल को हड़पने का प्रयास किया, वेतन में अनियमितता की और मनी लॉन्ड्रिंग की।

डॉ. राजशेखर का कहना है कि उनके पिता, डॉ. वाई आर कृष्णा का निधन 7 अगस्त 2020 को हुआ था। पिता की मृत्यु के बाद उनके छोटे भाई और मां ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से उनके पिता की संपत्ति अपने नाम करवा ली। इस संदर्भ में डॉ. राजशेखर ने 14 अक्टूबर 2021 को सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी।

डॉ. राजशेखर का आरोप है कि उनके छोटे भाई और मां ने नजूल कोर्ट में झूठे और फर्जी दस्तावेज पेश कर संपत्ति पर कब्जा कर लिया। उन्होंने यह भी बताया कि जून 2022 में अतिरिक्त कलेक्टर जयश्री जैन ने आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि वाई कमला और डॉ. वाई रविशेखर ने न्यायालय के समक्ष असत्य कथन करते हुए आदेश प्राप्त किया है।

डॉ. राजशेखर का आरोप है कि किम्स अस्पताल के प्रबंधन ने पिछले ढाई साल से उनके वेतन में अनियमितता की है। अक्टूबर 2022 से वेतन न मिलने के बावजूद, अस्पताल प्रबंधन ने उनके नाम से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) का भुगतान किया है। उन्होंने कई बार इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से लिखित में जानकारी मांगी, लेकिन कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने पुलिस को बताया कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से उनके वेतन की सही जानकारी न होने के कारण उन्हें टैक्स जमा करना पड़ रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि उनके नाम से फर्जी खाता बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों में उपयोग किया जा रहा है।

डॉ. राजशेखर ने कहा कि उन्होंने किम्स अस्पताल के मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट डॉ. सुधा राम और किम्स अस्पताल प्रबंधन डायरेक्टर डॉ. वाई रविशेखर और वाई कमला को वेतन विसंगति और अप्राप्त वेतन के लिए लिखित में सूचित किया, लेकिन इस बारे में आज तक उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

डॉ. राजशेखर ने सिविल लाइन्स थाने में पूरे मामले की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने जांच कर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज पेश करने, अकाउंट में गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।

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