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परिसीमन और लालबत्ती
भाजपा में ‘लालबत्ती’ के लिए खींचतान चल रही है। दावेदार नेता अपना ‘सीआर’ ठीक करने में जुटे हैं। कई ऐसे वार्ड हैं जहां भाजपा नेता रहते हैं, और वहां पिछले कई चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा है। ऐसे वार्डों की सीमाएं परिसीमन के माध्यम से बदली गई है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं भी लगी है, और चार निकायों में तो कोर्ट ने परिसीमन पर रोक लगा दी है।
दूसरी तरफ, आपत्ति-दावे बुलाकर निकायों में वार्डों का परिसीमन हो चुका है। और इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। अंबिकापुर के एक वार्ड जहां आधा दर्जन भाजपा नेता ‘लालबत्ती’ के होड़ में हैं। इनमें से तीन तो प्रदेश स्तर के पदाधिकारी रहे हैं, और वर्तमान में भी संगठन में दबदबा रखते हैं।
इन दिग्गजों के वार्ड में पिछले तीन चुनाव से भाजपा हारती रही है। अब इस वार्ड का परिसीमन हो गया है, और यहां की सीमाएं भी बदल गई है। दिग्गजों पर अब यह आरोप नहीं लग पाएगा कि वो अपने वार्ड का चुनाव भी नहीं जीता सकते हैं। इससे ‘लालबत्ती’ का दावा कमजोर नहीं रहेगा। इस पूरी कसरत के बाद दिग्गजों को ‘लालबत्ती’ मिलती है या नहीं, यह देखना है।
मोइली सो गए?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। बैज निकाय चुनाव को देखते हुए संगठन में बदलाव चाहते हैं। कुछ जिलाध्यक्षों के खिलाफ शिकायत भी है, उन्हें बदलना चाहते हैं।
चर्चा है कि वेणुगोपाल ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा है। वजह यह है कि वीरप्पा मोइली कमेटी ने अब तक हाईकमान को रिपोर्ट नहीं दी है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिए मोइली कमेटी को भेजा गया था। मोइली कमेटी ने लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में हार को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। लेकिन यह रिपोर्ट अभी तक हाईकमान तक नहीं पहुंची है। संकेत हैं कि मोइली कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही संगठन में बदलाव पर फैसला होगा।
बृजमोहन सरकार से आगे !!
रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने पार्टी नेताओं को पद देना शुरू कर दिया है। उन्होंने रायपुर दक्षिण के 16 सरकारी स्कूलों में सांसद प्रतिनिधि और शाला विकास समिति के अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। इनमें से तो कई पूर्व पार्षद भी हैं।
इन नियुक्तियों के चलते भाजपा में काफी हलचल है। एक-दो जगह तो नव नियुक्त प्रतिनिधियों का सम्मान भी किया गया। सरकार में निगम मंडलों में नियुक्तियां नहीं हो रही है, लेकिन बृजमोहन ने अपने करीबियों को पद देकर खुश कर दिया है।
सुरक्षा की अनदेखी का नतीजा
कल रायपुर रेलवे स्टेशन में एक बड़ा हादसा टल गया जब ओवरलोड के कारण लिफ्ट ऊपर ही रुक गई। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन यदि लिफ्ट नीचे चली जाती तो कई लोग हताहत हो सकते थे। इससे चार दिन पहले दुर्ग के वैशाली नगर में एक अपार्टमेंट की लिफ्ट चौथे फ्लोर से नीचे गिर गई थी, जिसमें चार लोग घायल हुए थे। बिलासपुर में पिछले सप्ताह एक नाबालिग मजदूर की मौत हो गई थी जब उसकी गर्दन खुली लिफ्ट पर फंस गई थी। मार्च माह में रायपुर के पंडरी सिटी सेंटर मॉल में एस्केलेटर से एक डेढ़ साल का बच्चा गिरकर अपनी जान गंवा बैठा था।
बढ़ते शहरीकरण के साथ लिफ्ट का उपयोग हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। लेकिन लिफ्ट के उपयोग में बरती जाने वाली सावधानी की अनदेखी कई बार हादसों का कारण रही है। रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट के पास कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था, जिससे यात्रियों ने लिफ्ट की क्षमता से अधिक लोगों को उसमें सवार कर दिया। वैशाली नगर की घटना में अपार्टमेंट के निवासियों ने लिफ्ट खुद लगवाई थी, जिसका मेंटेनेंस लंबे समय से नहीं हुआ था। बिलासपुर की घटना में एक नाबालिग मजदूर का खुली लिफ्ट में काम करना और एस्केलेटर वाली घटना में लापरवाही ही मुख्य कारण था।
एक पीटीएम यहां भी हो जाए...
सरगुजा जिले के प्राइमरी स्कूलों की कैसी दुर्दशा है, इस तस्वीर से समझा जा सकता है। लखनपुर ब्लॉक के तुनगुरी मे पिछले साल तक एक स्कूल भवन होता था। मगर, वह जर्जर हो चुका था इसलिए गिरा दिया गया। मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत नये सत्र में उसे बनकर तैयार हो जाना था, पर नहीं बना। अब यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई जगह ही नहीं। सो स्कूल के किचन शेड में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। स्कूल के टॉयलेट में स्टेशनरी और यहां तक की विद्या की देवी की तस्वीर रखी हुई हैं।
इन दिनों सरकारी स्कूलों में पैरेंट्स टीचर्स मीटिंग रखा जा रहा है, जिसका खूब जोर-शोर से अफसर प्रचार कर रहे हैं। एक मीटिंग यहां भी हो जानी चाहिए।