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नयी दिल्ली, 7 अगस्त। लोकसभा सदस्यों ने बुधवार को कहा कि पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक से अयोग्य करार दिया जाना दिल तोड़ने वाला फैसला है। उन्होंने उन्हें चैम्पियन करार देते हुए कहा कि इस मामले में जवाबदेही तय की जानी चाहिए और फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए।
फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उन्हें महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल से पहले अधिक वजन का पाया गया था।
संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रीय लोक दल के सांसद जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित होते देखना बहुत दुखद है। खासकर, कल उनके प्रदर्शन को देखने के बाद.. इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी और सैनिक जो प्रयास और समर्पण करते हैं, वह आम लोगों की पहुंच से परे है। पूरा देश उनके साथ है और मेरा मानना है कि भारत सरकार भी इसे प्राथमिकता दे रही है। प्रधानमंत्री ने इसका संज्ञान लिया है और निर्देश दिए हैं। अपील की प्रक्रिया को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।’’
फोगाट ने मंगलवार रात अपने वर्ग में स्वर्ण पदक मुकाबले में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रच दिया था। आज सुबह से पहले तक उनका कम से कम रजत पदक जीतना पक्का था लेकिन अब वह अयोग्य करार दिए जाने के कारण खाली हाथ लौटेंगी।
कांग्रेस सांसद शैलजा ने टीम प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘मैनेजर हैं, यह उनका काम है। हमारे सभी खिलाड़ी वहां जाते हैं और उनकी हर छोटी चीज पर नजर रखी जाती है। उनके आहार पर नजर रखी जाती है, वे क्या पी रहे हैं, वे क्या खा रहे हैं, वे किस प्रकार का भोजन खा रहे हैं। तो क्या वजह थी इस लड़की का वजन बढ़ गया? किसने ध्यान नहीं दिया? इसका जवाब दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम सुबह से उम्मीद कर रहे थे कि यह लड़की ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतेगी जिसने सड़कों पर संघर्ष किया है और आज उसके साथ ऐसा हुआ। ऐसा क्यों हुआ? यह कैसे हुआ?’’
फोगाट भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे थीं। सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उस फैसले की समीक्षा की मांग की जिसके कारण फोगाट को अयोग्य ठहराया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब पूरा देश विनेश के फाइनल मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतने की उम्मीद लगाए बैठा था तो पूरा देश स्तब्ध रह गया था। हर कोई अपने दिल में दर्द महसूस कर रहा है, लेकिन विनेश पूरे देश के लिए चैंपियन थीं, हैं और रहेंगी। उसने फाइनल में पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की।’’
हुड्डा ने कहा, ‘‘जब अन्य सभी खिलाड़ी अभ्यास कर रहे थे, वह न्याय के लिए विरोध प्रदर्शन में बैठी थीं, और फिर यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की। देश और दुनिया की नजर में वह सच्ची चैंपियन हैं।’’
उन्होंने कहा कि तीनों मुकाबलों में कल उनका वजन सही था, इसलिए फाइनल में रजत पदक के लिए उनके नाम पर विचार किया जाना चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘‘मैं उनके संघर्ष को सलाम करता हूं।’’
कांग्रेस सांसद जोथिमणि ने अयोग्य ठहराए जाने के इर्द-गिर्द की परिस्थितियों पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह खबर सुनकर दिल टूट गया है। सिर्फ 100 ग्राम के अंतर के लिए, कुछ पच नहीं रहा है। जिसने अपने प्रतिद्वंद्वी को एक दिन में तीन बार हराया, यह कैसे हो सकता है।’’
जोथिमणि ने कहा, ‘‘जो भी हो, हम उनके साथ थे, हम उनके साथ हैं। यह बहुत दुखद है। मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री ने कभी उनकी भावनाओं का सम्मान किया या उनके साथ हुए अन्याय को सम्मान दिया।’’
भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने फोगाट के प्रति अटूट समर्थन व्यक्त किया और कहा, ‘‘यह बहुत दुखद था। वह एक चैम्पियन थीं, एक चैम्पियन हैं और भारत के लोगों के लिए एक चैम्पियन रहेंगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। नए प्रयास होंगे और नए कीर्तिमान बनेंगे।’’ (भाषा)