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सरकारी अस्पतालों में नियुक्ति का रास्ता खुला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 9 अगस्त। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी से पासआउट पैरामेडिकल छात्रों के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि इन छात्रों का पंजीयन छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल में किया जाए, जिससे उन्हें शासकीय और केंद्र सरकार के अधीन संचालित अस्पतालों में नौकरी के अवसर प्राप्त हो सके।
यह फैसला उन छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो आप्टोमेट्री और एमएलटी (मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी) जैसे कोर्सों से स्नातक और स्नातकोत्तर कर चुके हैं। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी द्वारा आप्टोमेट्री और बीएससी, एमएलटी जैसे कोर्स संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन पासआउट छात्रों का पंजीयन राज्य सरकार द्वारा पैरामेडिकल काउंसिल में नहीं किया जा रहा था। इस वजह से इन छात्रों को शासकीय नौकरियों में अवसर प्राप्त नहीं हो पा रहे थे।
छात्रों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अधिनियम, 1956 और पैरामेडिकल काउंसिल के अनुसार, इन पासआउट छात्रों का पंजीयन किया जाना चाहिए था। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ताओं का नाम परिषद के रजिस्टर में दर्ज कर उन्हें पंजीकरण प्रदान किया जाए।
इस फैसले के अनुसार, याचिकाकर्ताओं को प्रैक्टिस करने का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा, जिससे वे विधिवत रूप से चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर सकें। साथ ही, राज्य शासन को यह छूट भी दी गई है कि वह पंजीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले सभी प्रमाणपत्रों की जांच कर सके। यदि किसी छात्र ने गलत तरीके से डिग्री हासिल की है, तो अधिनियम, 2001 की धारा 40 के तहत राज्य शासन उचित कार्रवाई कर सकता है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले से श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के 500 से अधिक पैरामेडिकल पासआउट छात्रों के लिए शासकीय और गैर-शासकीय चिकित्सा क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। अब वे राज्य और केंद्र सरकार के विभिन्न अस्पतालों में सेवा का अवसर पा सकेंगे।