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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 अगस्त । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी के देयकों पर रोक के मामले में पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर और पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा को तलब करते हुए अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
श्रीकांत वर्मा मार्ग, बिलासपुर निवासी व्यास नारायण भारद्वाज, जांजगीर-चांपा में पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। 30 जून 2022 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर वे सेवानिवृत्त हुए। दो वर्ष बीत जाने के बावजूद उनके खिलाफ वसूली आदेश का हवाला देकर उनकी मासिक पेंशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नगदीकरण, और अन्य देय राशि रोक दी गई है। इसके खिलाफ, भारद्वाज ने एडवोकेट अभिषेक पाण्डेय और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।
याचिका में यह तर्क दिया गया कि सरकारी नियमों के अनुसार, किसी भी शासकीय कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के दिन उनके समस्त देयकों का भुगतान तुरंत किया जाना चाहिए। लेकिन इस मामले में, वसूली आदेश का हवाला देते हुए न तो आदेश की प्रति दी गई और न ही देयकों का भुगतान किया गया। इसके बजाय, याचिकाकर्ता पर दबाव डालकर उनसे सहमति ली जा रही है।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन को नोटिस जारी किया है और आईजी बिलासपुर और एसपी जांजगीर-चांपा से पूछा है कि आखिर क्यों याचिकाकर्ता के सेवानिवृत्ति देयकों का भुगतान रोका गया है। इसके साथ ही यदि कोई वसूली आदेश है, तो उसकी प्रति भी हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।