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कोच्चि, 1 सितंबर। केरल फिल्म कर्मचारी महासंघ (एफईएफकेए) के महासचिव बी उन्नीकृष्णन ने रविवार को कहा कि सिनेमा उद्योग में ‘‘मजबूत गठबंधन’’ है लेकिन उन्हें न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट में उल्लिखित किसी ‘‘शक्ति समूह’’ के बारे में जानकारी नहीं है।
उन्नीकृष्णन ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि यह एक ‘‘निर्विवाद तथ्य’’ है कि बड़ी फिल्म बनाने के लिए कुछ प्रोडक्शन हाउस का कुछ निर्देशकों, लेखकों और अभिनेताओं के साथ ‘‘मजबूत गठबंधन’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे अकसर एक साथ कई परियोजनाओं पर काम करते हैं और स्वाभाविक रूप से हर कोई अवसर पाने के लिए उनके साथ जुड़ने की कोशिश करता है। हालांकि ऐसे गठबंधन व्यावसायिक हितों पर आधारित होते हैं।’’
उन्नीकृष्णन ने यह भी कहा कि इस तरह के गठबंधन केवल मलयालम सिनेमा तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर जगह फिल्म उद्योग में मौजूद हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिनेमा से जुड़े विभिन्न संगठनों की कोई गुप्त लॉबी नहीं हो सकती जो समय-समय पर बैठक कर यह निर्णय ले कि फिल्मों से किसे अलग रखा जाना चाहिए।
फिल्म उद्योग में कोई ‘‘शक्तिशाली समूह’’ मौजूद है या नहीं, इस बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग इस तरह काम नहीं कर पाएगा।’’
उन्होंने ‘कास्टिंग काउच’ को निर्विवाद तथ्य बताते हुए इसे स्वीकार किया।
उन्नीकृष्णन ने कहा, ‘‘यह एक वास्तविकता है जिसके बारे में हम सभी ने सुना है। हम यह कहकर इससे बच नहीं सकते कि यह अन्य फिल्म उद्योगों में भी मौजूद है। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि मलयालम फिल्म उद्योग में ऐसी चीजें न हों।’’
उन्होंने यह भी कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट में अपराधियों के नामों का खुलासा किया जाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या समिति की रिपोर्ट पर मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (एएमएमए) की प्रतिक्रिया में देरी हुई, उन्नीकृष्णन ने कहा कि इसमें देरी नहीं हुई, लेकिन उसने जो कहा उसकी आम जनता ने आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (एएमएमए) आलोचना को स्वीकार करने और उससे सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए।’’
उन्नीकृष्णन ने यह भी कहा कि एएमएमए में वर्तमान संकट इस तथ्य के कारण है कि यह ट्रेड यूनियन जैसा संगठन नहीं है और इसका ढांचा शिथिल है।
उन्होंने कहा कि हेमा समिति की रिपोर्ट में उल्लिखित मुद्दों से निपटने के लिए उनके पास अनुभव का अभाव है।
उन्नीकृष्णन ने कहा, ‘‘यदि उनके पास ट्रेड यूनियन जैसी संरचना या प्रणाली होती तो यह सब नहीं होता।’’
केरल सरकार ने 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले के बाद न्यायमूर्ति के. हेमा समिति का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है।
निर्देशक विनयन द्वारा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से उन्हें (उन्नीकृष्णन को) सिनेमा नीति निर्माण समिति से हटाए जाने के लिए की गई शिकायत के संबंध में एफईएफकेए महासचिव ने कहा कि उन्हें समिति से दूर रखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एफईएफकेए के महासचिव के रूप में पैनल में हूं और 21 क्राफ्ट या ट्रेड यूनियन का प्रतिनिधित्व करता हूं, न कि एक व्यक्ति के रूप में। मैं जो कहूंगा वह उन 21 ट्रेड यूनियन की राय होगी। इसलिए मुझे समिति से हटाने की कोई आवश्यकता नहीं दिखती।’’ (भाषा)