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सिखों को खतरा सिर्फ 1984 में हुआ था', राहुल के बयान पर पुरी का पलटवार
10-Sep-2024 4:07 PM
सिखों को खतरा सिर्फ 1984 में हुआ था', राहुल के बयान पर पुरी का पलटवार

नई दिल्ली, 10 सितंबर । केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सिख समुदाय को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि भारत में सिखों को एक ही बार चिंता, असुरक्षा और अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ था, जब उनका परिवार सत्ता में था। उन्होंने कहा कि 1984 में जब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी सत्ता में थे तो सिख समुदाय के खिलाफ नरसंहार किया गया था। तीन हजार निर्दोष सिखों को मार दिया गया था।

लोगों को उनके घरों से खींचकर बाहर निकाल कर जिंदा जला दिया गया था। राजीव गांधी ने उस समय बयान दिया था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तब धरती हिलती है। भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में सिखों के लिए जितना काम किया है, आजादी के बाद उतना काम कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री मोदी जब भी गुरुद्वारे जाते हैं, स्वयं भी पगड़ी पहनकर ही जाते हैं। करतारपुर कॉरिडोर सहित सिख समुदाय की कई लंबित मांगों को मोदी सरकार ने पूरा किया है। राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि भारत में इस बात को लेकर लड़ाई है कि क्या एक सिख को पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी या नहीं या एक सिख को गुरुद्वारे में जाने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। यह पूरी तरह से झूठ और बेबुनियाद बातें हैं और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने सिख समुदाय से भी इस झूठ को समझने और इसका पर्दाफाश करने का आग्रह किया।

पुरी ने कहा कि वह स्वयं छह दशकों से पगड़ी पहन रहे हैं और कड़ा उससे भी पहले से पहन रहे हैं। भारत के किसी भी कोने में सिखों को पगड़ी और कड़ा पहनने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी, राष्ट्रीय पहचान, हमारी एकता और विविधता जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान देते हैं, तो एक खतरनाक नैरेटिव सेट करने की कोशिश करते हैं। वह जब विपक्ष के नेता नहीं भी थे, तब भी शब्दों का इस्तेमाल नाप-तौलकर करना उनकी आदत नहीं थी। अगर उनके द्वारा विदेशों में दिए गए पुराने बयानों को देखा जाए तो बहुत सारी बातें हमारे सामने साफ हो जाएंगी कि उन्हें कुछ मुद्दों की बुनियादी समझ नहीं है। वह या तो अज्ञानता या समझ और ज्ञान की कमी के कारण इस तरह के बयान देते हैं। वह हमारी राष्ट्रीय पहचान, एकता, विविधता और हमारे राष्ट्र की ताकत के पहलुओं को लेकर जिस तरह के बयान देते हैं, वह पूरी तरह से झूठे और आधारहीन हैं। राहुल गांधी के सलाहकार भी सैम पित्रोदा जैसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने कहा था कि भारत एक नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, लेकिन राहुल गांधी भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वह खतरनाक और झूठी बातें फैला रहे हैं, देश के अंदर और बाहर दोनों जगह लोगों को भड़का रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। राहुल गांधी ने भारत पर सवाल उठाया, चुनाव नतीजों पर सवाल उठाया। उन्होंने देश की न्यायिक और कानूनी व्यवस्था पर सवाल उठाया। लोकसभा के पिछले तीन चुनावों में मिलकर भी उनकी पार्टी 200 का आंकड़ा नहीं पार कर पाई, इस बार भी 99 सीटें ही आईं है। वह देश को बदनाम कर रहे हैं और देश की छवि को खराब कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी बताएं कि राजीव गांधी फाउंडेशन में कितनी जातियों को शामिल किया गया है। राहुल गांधी के बयान को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने यह कहा है तो बताएं कि रेजिडेंस कहां ले रहे हैं, इटली, स्पेन जहां पर अफसर उनके घर आएंगे, कई मुकदमों में राहुल गांधी जमानत पर हैं और पता नहीं उनके दिमाग में क्या चल रहा है। --(आईएएनएस)

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