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कांग्रेस ने मंगलवार को सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज़ बोर्ड ऑफ़ इंडिया (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र कर एक बार फिर कई सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "हम कई खुलासे कर रहे हैं. हम पिछले 8-10 दिनों से सेबी चीफ़ के विभिन्न कंपनियों से आर्थिक रिश्तों का खुलासा कर रहे हैं. अभी तक सेबी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जवाब नहीं आया. आईसीआईसीआई बैंक ने जवाब दिया. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच से कितने रिश्ते थे और कैसे बैंक खाते में कितने पैसे किस साल में आए."
उन्होंने कहा, "आईसीआईसीआई ने जवाब दिया. हमने जवाब के एवज़ में और सवाल किए. ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीआईसीआई का जवाब ढुलमुल था और इसमें कोई तथ्य नहीं थे. आईसीआईसीआई ने हमारे खुलासे के जवाब दिए, लेकिन हमें अभी तक सेबी और प्रधानमंत्री ने जवाब नहीं दिया."
पवन खेड़ा ने बताया, "हिंडनबर्ग रिपोर्ट में एक कंपनी अगोरा एडवाइज़री प्राइवेट लिमिटेड का नाम सामने आया था, जो कि 7 मई 2013 में रजिस्टर हुई थी. यह कंपनी माधबी पुरी बुच और उनके पति की है, लेकिन माधबी बुच ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खंडन किया था."
उन्होंने कहा, "उस खंडन में उन्होंने लिखा कि जब वो सेबी में चली गईं, तब से यह कंपनी 'डॉर्मेंट' है. इस कंपनी में अभी भी 99 प्रतिशत हिस्सेदारी माधबी की है." (bbc.com/hindi)