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साय की पहल पर छत्तीसगढ़ को मिलीं 240 ई-बसें
15-Sep-2024 8:27 PM
साय की पहल पर छत्तीसगढ़ को मिलीं 240 ई-बसें

नागरिकों को मिलेगी किफायती, भरोसेमंद सुगम परिवहन की सुविधा - साव

रायपुर, 15 सितम्बर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक परिवहन के लिए 240 ई-बसों की स्वीकृति दी  है। इन बसों का संचालन राजधानी  सहित बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई में किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा रायपुर के लिए 100, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसें स्वीकृत की गई हैं। 

डिप्टी सीएम नगरीय प्रशासन एवं विकास  अरुण साव ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस अभिनव योजना में केंद्र शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता देगा । इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। योजना के अंतर्गत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। विभिन्न राज्यों में शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है।  श्री साव ने बताया कि इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले। योजना के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।  बसों की खरीदी, संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। एजेंसी को केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के आधार पर दी जाएगी। अगर बसें इससे कम किलोमीटर चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे।

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