विचार / लेख
-पुस्तक समीक्षा
wv lessons for the wvth century..
Auth. Yuval noah harari.
कम्युनिस्ट देशों के बारे में सुना है कि वहां एक प्रोपगैंडा मंत्री होता है जो सरकारी एजेंडे का प्रचार करता है। हरारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसी टेक्नोलॉजी टायकून का प्रोपगैंडा मास्टर है। हरारी बदलती टेक्नोलॉजी और उसका मानव सभ्यता पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसी मुद्दे पर इस किताब में बात कर रहा है। वह सुपर ह्यूमन की संकल्पना भी बता रहा है। अतिमानव के बारे में महर्षि अरविंद ने भी बताया था जो दूसरों से श्रेष्ठ होंगे। बायोलॉजिकल तरक्की के कारण कुछ लोग डिजाइनर बेबी चाहेंगे। दुनिया में 2 क्लास बन जाएंगी एक श्रेष्ठ और एक निम्न। और यह क्लास पूरी दुनिया पर शासन करेगी। हरारी की खास बात है कि वह संभावित आलोचना को पहले ही उधृत कर देता है। मिसाल के तौर पर वह इजरायली नागरिक है और कट्टरवाद की आलोचना करते हुए स्वयं धर्म के आधार पर यहूदियों के इजरायल निर्माण को नहीं बख्श रहा है। हरारी बार-बार बता रहा है कि टेक्नोलॉजी नौकरियां खत्म कर देगी और आने वाला समय कैसा होगा। यह संभवत: आने वाले समय के लिए आपका माइंड मेकअप करने की प्रक्रिया है। हरारी ने यह भी कहा कि फेसबुक एक गजब आविष्कार है, अच्छा कॉन्सेप्ट है। हरारी जुकरबर्ग का प्रशंसक है। लेकिन उसकी सारी बातों से यही लगता है कि वह आने वाले टेक्नोलॉजी, के खतरों से आगाह नही कर रहा है बल्कि मनुष्यों को कह रहा है कि ये तो होगा ही, तुम अब क्या कर लोगे। हरारी की पहली कितना मानव जाति का संक्षिप्त इतिहास भी वही है।
किसी भी कम पढ़े-लिखे या विवेचन करने की क्षमता में कम व्यक्ति को उसकी पुस्तके अभिभूत कर सकती हैं क्योंकि उसके तथ्य एवम विश्लेषण रोचक है लेकिन वस्तुत: वह आपको तैयार कर रहा है टेक्नोलॉजी की दासता के लिए.अब संभावित शक्तिशाली लोग अपनी आलोचना भी अपने हिसाब से करवाते हैं। यह किताब उसी का नमूना है।