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पाक में जाकिर नाइक अनाथ लड़कियों के कार्यक्रम में अपने रुख से घिरे
04-Oct-2024 11:07 PM
पाक में जाकिर नाइक अनाथ लड़कियों के कार्यक्रम में अपने रुख से घिरे

विवादित इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक को पाकिस्तान में बुधवार को एक अनाथालय में सम्मान देने के लिए अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। लेकिन उन्होंने अनाथ लड़कियों को सम्मान देने से इनकार कर दिया।
जैसे ही लड़कियां मंच पर आईं, जाकिर नाइक पीछे हट गए। नाइक ने इन लड़कियों को ‘ना-महरम’ बताते हुए ख़ुद को अलग कर लिया।
ज़ाकिर नाइक के इस रुख़ की पाकिस्तान में काफ़ी आलोचना हो रही है।
इस्लाम में ‘ना-महरम’ का इस्तेमाल अविवाहित लड़कियों के लिए किया जाता है, जिनसे कोई सीधा ख़ून का रिश्ता नहीं होता है।
इस वाकय़े से जुड़ा ज़ाकिर नाइक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नाइक के पास जैसे ही लड़कियां आती हैं, वे मंच से दूर हो जाते हैं।
क्या होता है ‘ना-महरम’
इस कार्यक्रम का आयोजन पाकिस्तान स्वीट होम फाउंडेशन ने किया था, जो अनाथ लड़कियों की मदद करता है।
जब कार्यक्रम में अनाउंसर ने इन लड़कियों को बेटी कह संबोधित किया, तो नाइक का मानना था कि इन्हें आप बेटी नहीं कह सकते हैं और ना ही इन्हें टच कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ये लड़कियां ‘ना-महरम’ हैं। पाकिस्तान में कई लोग ज़ाकिर नाइक के इस व्यवहार को घृणित, पाखंड से भरा और औरतों को नीचा दिखाने वाला कह रहे हैं।
पाकिस्तानी पत्रकार उस्मान चौधरी ने इसका वीडियो क्लिप शेयर करते हुए लिखा है, ‘पाकिस्तान के पूर्व सांसद जमरूद खान ने अनाथ बच्चियों को मंच पर सम्मानित करने के लिए बुलाया, लेकिन जाकिर नाइक मंच से बिना सम्मान दिए चले गए। जाकिर नाइक ने कहा कि ये लड़कियां ‘ना-महरम’ हैं।’
इस्लाम में ‘ना-महरम’ का मतलब होता है, जिनसे खून का रिश्ता ना हो और ‘महरम’ वो होते हैं, जिनसे खून का रिश्ता हो।
सऊदी अरब में कुछ साल पहले तक महिलाओं को अपने ‘महरम’ वाले रिश्तों के पुरुषों के साथ ही घर से बाहर निकलना होता था।
ये रिश्ते भाई, पति, बेटा, भतीजा, मामा या चाचा हो सकते हैं।
लेकिन 2019 में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने यह नियम बदल दिया और अब लड़कियां अकेले भी घर से बाहर निकल सकती हैं।
पाकिस्तान की वकील सरीहा बेनजीर ने जाकिर नाइक के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा है, ‘डॉ. जाकिर नाइक एक धार्मिक स्कॉलर हैं और पाकिस्तान के अतिथि हैं। लेकिन महिलाओं के प्रति उनका यह रुख घृणित, पाखंड से भरा और औरतों को नीचा दिखाने वाला है। इन छोटी बच्चियों के लिए कितना शर्मनाक और परेशान करने वाला रहा होगा। मेरा इस्लाम ऐसा नहीं है।’
पाकिस्तान में चौतरफा घिरे जाकिर नाइक
पाकिस्तान के माक्र्सवादी प्रोफेसर डॉ. तैमूर रहमान ने भी ज़ाकिर नाइक के व्यवहार के लिए आड़े हाथों लिया है।
उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘ये यतीम बच्चियां थीं। जाकिर नाइक सोचते हैं कि इन बच्चियों से हाथ मिलाना और उनके सिर पर हाथ रखना तो दूर की बात है, बल्कि उन्हें सम्मान देना भी इस्लाम के खिलाफ है।’
‘ना-महरम तो वयस्क महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है न कि बच्चियों के लिए। और यहां तो तो कोई फिजिकल कॉन्टैक्ट की बात भी नहीं थी। क्या इस्लाम यतीम बच्चियों को सम्मानित करने के खिलाफ है?’
पाकिस्तानी पत्रकार अब्बास नासिर ने जाकिर नाइक के रुख़ पर आपत्ति जताते हुए लिखा है, ‘मैं इस बात से हैरान हूँ कि जाकिर नाइक को पाकिस्तान क्यों बुलाया गया है। अव्वल तो यह कि ज़ाकिर नाइक को पीएमएलएन सरकार ने आमंत्रित किया है और उनकी अगवानी राना मशूद ने की। नाइक चार हफ़्ते तक दिमाग को प्रदूषित करेंगे।’
वहीं आर्थिक मुद्दों पर लिखने वाले पाकिस्तानी पत्रकार यूसुफ नजर ने जाकिर नाइक का वो वीडियो क्लिप रीपोस्ट करते हुए लिखा है, ‘पाकिस्तान में पहले से ही ज़ाकिर नाइक की तरह के कई लोग हैं। अब और की जरूरत नहीं है।’
दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडी सेंटर के प्रमुख रहे अख्तरुल वासे से पूछा कि पाकिस्तान में अनाथ बच्चियों के कार्यक्रम में जाकिर नाइक के रुख़ को वह कैसे देखते हैं?
अख्तरुल वासे कहते हैं, ‘पहली बात तो यह कि पाकिस्तान ने हिन्दुस्तान को चिढ़ाने के लिए जाकिर नाइक को बुलाया है। जब दोनों देशों के संबंध पहले से ही खराब हैं तो पाकिस्तान ने जाकिर नाइक को बुला लिया। पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और जाकिर नाइक वहाँ इस्लाम को जिस रूप में पेश कर रहे हैं, उसी से पता चलता है कि कैसा इस्लामिक देश है।’
ज़ाकिर नाइक को पाकिस्तान ने क्यों बुलाया?
भारत की पुलिस के लिए ज़ाकिर नाइक वॉन्टेड हैं। वह भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और हेट स्पीच के मामले में अभियुक्त हैं।
भारत में ज़ाकिर नाइक पर दो समुदायों के बीच नफऱत और दुश्मनी बढ़ाने का आरोप है।
लेकिन नाइक दावा करते हैं कि उन्होंने भारत के क़ानून के ख़िलाफ़ कोई काम नहीं किया है। कट्टर धार्मिक विचार के कारण जाकिर नाइक पर बांग्लादेश, श्रीलंका और ब्रिटेन में भी पाबंदी है।
जर्मनी के सरकारी प्रसारक डीडब्ल्यू से पाकिस्तान के जाने-माने बुद्धिजीवी परवेज़ हुदभाई ने कहा, ‘पाकिस्तान में जाकिर नाइक को राजकीय अतिथि के तौर पर बुलाने से मैं दुखी हूँ लेकिन हैरान नहीं हूँ। सरकार आग में घी डालने का काम कर रही है।’
‘सऊदी अरब रूढि़वादी इस्लाम से दूर हट रहा है लेकिन पाकिस्तान इसका सक्रिय संरक्षक बन रहा है। जाकिर नाइक को राजकीय अतिथि के तौर पर बुलाना यही बताता है।’
जाकिर नाइक अभी मलेशिया में रहते हैं और वहाँ भी उन्हें नस्ली रूप से संवेदनशील टिप्पणी के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी थी।
अगस्त 2019 में मलेशियाई पुलिस ने जाकिर नाइक पर सार्वजनिक सभाओं में उपदेश देने पर पाबंदी लगा दी थी। उनकी टिप्पणियों के लिए मलेशिया में पुलिस ने घंटों पूछताछ भी की थी।
जाकिर नाइक की भारत में भले कई आपराधिक मामलों में तलाश है लेकिन पाकिस्तान में उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने जाकिर 
नाइक से क्या कहा?
जाकिर नाइक 30 सितंबर को पाकिस्तान पहुँचे थे और इस महीने के आखिरी हफ्ते तक उनका यहाँ के कई शहरों में प्रोग्राम है। बुधवार को जाकिर नाइक से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात की।
शहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से मिलते ही कहा कि मुसलमानों को उन पर गर्व है क्योंकि वह पूरी दुनिया में इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
शहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा, ‘आप पूरी दुनिया में अप्रत्याशित रूप से पवित्र क़ुरान के मूल्यों का प्रसार कर रहे हैं। इसके अलावा दुनिया भर में इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।’
‘पूरी मुस्लिम दुनिया पर आपको गर्व है क्योंकि आप इस्लाम की असली छवि से लोगों को परिचित करवा रहे हैं। आपके उपदेश का युवाओं में काफ़ी क्रेज है।’
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मुझे निजी तौर पर आपके उपदेशों से फायदा हुआ है। आपसे इस्लाम की बहुमूल्य सीख मिलती है। पाकिस्तान के लोग आपसे बहुत प्यार करते हैं और आपके यहाँ आने से काफी खुश हैं। मुझे ख़ुशी है कि आपकी सेहत अच्छी है और आपके बेटे भी इस्लाम की सेवा में लग गए हैं।’
शहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से 2006 में हुई मुलाकात को भी याद किया।
शहबाज शरीफ से मुलाकात के बाद जाकिर नाइक ने कहा, ‘पूरी दुनिया में पाकिस्तान एकलौता देश है जो इस्लामिक सिद्धांतों के आधार पर बना। मैं उम्मीद करता हूँ कि पाकिस्तान और इस्लामी मूल्यों को लागू करे।’
‘जहाँ तक मुझे मालूम है कि कुरान ही उनका संविधान है। मैं चाहता हूँ कि पाकिस्तान में कुरान और हदीश को पूरी तरह से लागू किया जाए। मेरा वर्षों का ख़्वाब पूरा हुआ। मैं पाकिस्तान की सरजमीं पर हूँ। अल्लाह ने मेरी वर्षों की ख़्वाहिश पूरी की।’
ज़ाकिर नाइक ने कहा, ‘इसके पहले मैं 1991 में 33 साल पहले पाकिस्तान आया था लेकिन वह निजी दौरा था। उस वक़्त मैं तकऱीरें नहीं करता था। इस बार मुझे पाकिस्तान की सरकार ने बुलाया था।’
‘पाकिस्तानी मुझसे बहुत ही गर्मजोशी से मिलते हैं। मुझे सबसे ज़्यादा न्यौता पाकिस्तान आने के लिए मिले थे। पाकिस्तानियों से कहना चाहता हूँ कि दुनिया की सबसे बेहतरीन किताब क़ुरान है।’ (bbc.com/hindi)
 

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