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बिलासपुर, 6 अक्टूबर। सामुदायिक पुलिसिंग पर आधारित बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नवाचार 'चेतना' कार्यक्रम के अंतर्गत महिला और बच्चों पर होने वाले अपराधों को लेकर एक विशाल चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किए गए चित्रों के माध्यम से अपराधों के विरुद्ध जागरूकता का संदेश दिया गया।
'चेतना' कार्यक्रम की शुरुआत 1 जून 2024 को हुई थी, जिसमें पहला चरण सड़क सुरक्षा पर केंद्रित था। दूसरा चरण साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूकता फैलाने पर आधारित था। फिलहाल चल रहे तीसरे चरण में महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस चरण के तहत स्कूल, कॉलेज, एनसीसी, एनएसएस, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
शनिवार को बिलासपुर में आयोजित इस चित्र प्रदर्शनी में जिले के 140 शासकीय और अशासकीय स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। बच्चों ने महिला और बच्चों पर होने वाले अपराधों और उनके बचाव पर आधारित चित्र ड्राइंग शीट पर तैयार कर यातायात थाना में जमा किए। इसके साथ ही जागरूकता बढ़ाने के लिए 40,000 से अधिक पाम्पलेट बच्चों के माध्यम से उनके परिवारों तक भेजे गए, जिन पर हस्ताक्षर कराकर उन्हें इस मुद्दे के प्रति सचेत किया गया।
प्रदर्शनी में प्रत्येक स्कूल से 20-20 चयनित चित्रों को पुलिस परेड मैदान में प्रदर्शित किया गया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों और स्कूलों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में यातायात एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने कहा, "चेतना कार्यक्रम बहुत कम समय में बड़ी सफलता हासिल कर चुका है।" वहीं, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा, "चेतना को पूरे बिलासपुर जिले से भरपूर स्नेह मिला है और भविष्य में इसका अगला चरण समाज के सबसे बड़े अभिशाप—नशे के खिलाफ होगा।"
इस कार्यक्रम में 2,000 से अधिक छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षक उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के अलावा एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर, डीएसपी संजय साहू, अर्चना झा और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। मंच संचालन सब इंस्पेक्टर उमाशंकर पांडे ने किया। आयोजन में आर्यन फिल्म्स के रामानंद तिवारी और जीवधारणी सेवा फाउंडेशन के विकास वर्मा की विशेष भूमिका रही।