सामान्य ज्ञान
अरनी एक औषधीय पौधा है। इसकी दो जातियां होती हैं। छोटी और बड़ी। बड़ी अरनी के पत्ते नोकदार और छोटी अरनी के पत्तों से छोटे होते हैं। छोटी अरनी के पत्तों में सुगंध आती हैं। लोग इसकी चटनी और सब्जी भी बनाते हैं। श्वास रोग वाले को अरनी की सब्जी खाने की सलाह दी जाती है।
बड़ी अरनी के विभिन्न भाषाओं में नाम- संस्कृत-अग्निमंथ, गाणिकारिका, तकीर्ण, हिंदी-अरनी और अगेधु गनियार, बंगला- गनीर या आगगन्त, गुजराती-अरणी, मराठी-एंरण, ताकली, टाकली, कर्नाटकी-नरुबल, पंजाबी-अगेथु, तेलुगू- तिक्कली, चट्टु, निलिचेटटु, लैटिन-केलरोडेन्ड्रम प्लोमोइडिस
अरनी के पत्ते हरे और फूल सफेद होते हैं। स्वाद मेंयह कड़वी होती है। अरनी के पत्ते गोल और खरखरे होते हैं, फल छोटे-छोटे करौंदों के फूल के समान होते हैं इसके दो भेद होते हैं। छोटी अरनी और बड़ी अरनी। अरनी गर्म प्रकृति की होती है।
बड़ी अरनी का पेड़-यह तीखा, गर्म, मधुर, कड़वा, फीका और पाचनशक्तिवद्र्धकहोता है तथा वायु, जुकाम, कफ, सूजन, बवासीर, आमवात, मलावरोध, अपच, पीलिया, विषदोष और आंवयुक्त दस्त आदि रोगों में लाभकारी है।
छोटी अरनी का पेड़-छोटी अरनी, बड़ी अरनी के समान ही गुणकारी होती है परन्तु लेप करने, पट्टी बांधने और सूजन विशेषकर वात-द्वारा उत्पन्न हुई सूजन का नाश करता है।