विचार / लेख
-सुशील मानव
कीटनाशक पीकर बेहोश पड़े पिता को हाथ में लेकर विलाप करते बच्चे की तस्वीर आपने देखी कि नहीं देखी। उस बच्चे के दारुण दु:ख के लिए सिफऱ् एमपी पुलिस या शिवराज सिंह सरकार ही जिम्मेदार नहीं है आप भी हैं। आखिर आपने ही तो उन्हें चुनकर सत्ता सौंपी है। अपना अधिकार मांगते 6 किसानों की हत्या के बावजूद। आपने ही तो पुलिस कस्टडी में होने वाली हत्याओं और फर्जी एनकाउंटर को त्वरित न्याय बताकर पुलिस का मनोबल बढ़ाया है।
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गुना में एक दलित किसान दंपति की बर्बरतापूर्ण पिटाई का वीडियो आपने देखा कि नहीं देखा। नहीं देखा तो देख लीजिए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
मामला क्या है
14 जुलाई मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे गुना के कैंट इलाके के जगनपुर चक में एमपी पुलिस टीम एक दलित किसान दंपति के कब्जे से जमीन छुड़ाने के लिए गई थी। इस दौरान पुलिसवालों ने पति-पत्नी और उसके बच्चों तक लाठियों और लात घूसों से बर्बरतापूर्वक मारा-पीटा।
बताया जा रहा है कि साइंस कॉलेज के लिए दी गई जमीन से कब्जा हटाने गई थी विरोध करने पर दलित दंपति के साथ ये सलूक किया गया। दंपत्ति अपने 7 बच्चों के साथ प्रशासनिक- पुलिस अफसरों के सामने हाथ जोड़ता रहा, उसका कहना था कि यह भूमि गप्पू पारदी ने उसे बटिया पर दी है। कर्ज लेकर वह बोवनी कर चुका है। अगर फसल उजड़ी तो बर्बाद हो जाएगा, लेकिन किसान की फरियाद किसी ने नहीं सुनी। पुलिसिया बर्बरता से आहत होकर एक दलित दंपति ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
बताया जा रहा है कि जमीन पर कई साल से पूर्व पार्षद गप्पू पारदी का कब्जा है। पारदी परिवार ने जमीन राजकुमार अहिरवार को बटिया पर दे दी है। किसान राजकुमार का कहना था कि उसने 2 लाख कर्ज लेकर धान की बोवनी किया है। इससे पहले का भी उस पर 2 लाख का कर्ज चढ़ा हुआ है। इसीलिए उसने जमीन छुड़ाने गई पुलिस और प्रशासनिक अमले से अपील की कि यह कब्जा बाद में हटवा लें। लेकिन प्रशासन ने उसकी एक न सुनी और बलपूर्वक कब्जा हटवाना शुरू कर दिया।
पुलिस की बर्बरता से आहत दलित किसान राजकुमार बीवी समेत जहर पी लिया। माता-पिता के जमीन पर गिरते ही मासूम बच्चे पास बैठकर रोते रहे। कुछ देर बाद दोनों को उठाकर जिला अस्पताल भेजा गया। राजकुमार के छोटे भाई ने कब्जा हटाने का विरोध किया तो उस पर भी लाठियां भांजी गईं।
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शिवराज सिंह से इस्तीफे की मांग
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद गुना में पुलिस द्वारा किसान दंपति की पिटाई का वीडियो और तस्वीरें फेसबुक, ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। ‘शिवराजसिंह इस्तीफा दो’ टॉप ट्रेंड करने लगा।
क्या ऐसी हिम्मत इन क्षेत्रों में तथाकथित जनसेवकों व रसूख़दारों द्वारा कब्ज़ा की गयी हज़ारों एकड़ शासकीय भूमि को छुड़ाने के लिये भी शिवराज सरकार दिखायेगी?
ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। इसके दोषियों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही हो , अन्यथा कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो ट्वीट करते लिखा- मासूम बच्चों की पिटाई कहां का न्याय है। उन्होंने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए और लिखा-‘पीडि़त युवक का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है। इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी की, परिजनों की और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है? क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से है, गरीब किसान हैं?’
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देर रात हटाए गए गुना के कलेक्टर और एसपी
मामला हाथ से निकलते देख कल देर रात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर और एसपी को हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। (janchowk)