सामान्य ज्ञान
जमाली- कमाली नई दिल्ली में स्थित एक मकबरा है, जिसे फिलहाल बंद कर दिया गया है। यह महरौली के पुरातत्व पार्क में स्थित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने अतिक्रमण से बचाने के लिए जमाली-कमाली के मकबरा परिसर के द्वार पर ताला लगा दिया है
कुतुबमीनार के नजदीक महरौली के पुरातत्व पार्क में स्थित जमाली-कमाली का मकबरा मुगलकालीन स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। मकबरा के भीतर खूबसूरत नक्काशी और पेंटिंग्स है। पेंटिंग्स में विविध रंगों का प्रयोग किया गया है। छतों और दीवारों पर पिचकारी है। इसमें पेड़-पौधों की कलात्मक पेंटिंग्स बनी है। बाहर बरामदे में भी रंगोली बनी है। दीवार को रंगने में सफेद रंग का प्रयोग हुआ है।
16 वीं शताब्दी का यह मकबरा शेख फजलुल्लाह उर्फ जमाली का है। जमाली के मकबरे का निर्माण हुमायूं के समय में पूरा हुआ था। मकबरे में दो कब्रें हैं। ऐसा माना जाता है कि एक कब्र जमाली की है और दूसरा कमाली की। खास बात यह है कि मकबरा का डिजाइन मरने से पहले खुद जमाली ने तैयार किया था। जमाली-कमाली के मकबरे वाले परिसर में 12 और मकबरे स्थित हैं, जबकि परिसर में ही स्थित एक अन्य खुले कमरे में 11 मकबरे हैं।