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रायपुर, 17 सितंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने बताया कि कोरोना के दौर में शिक्षण संस्थानों में लोगों की सुरक्षा करना चुनौती बनी हुई है। कोरोना रोकने के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एक किफायती सैनिटाइजर गेट तैयार किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिशों के अनुसार विज्ञान विभाग ने किफायती हैंड सैनिटाइजर बनाया है।
श्री गांधी ने बताया कि विवि के विज्ञान विभाग प्राध्यापक डॉ. हिंडोले घोष और अभिषेक कुमार पांडेय ने यह सैनिटाइजर बनाया है। प्रति लीटर लागत खर्च बाजार में मिलने वाले सैनिटाइजर से काफी कम है। ड्रसोप्रिपिल अल्कोहल/एथानोल के अलावा ग्लाइसेरोल, हायड्रोजन परऑक्साइड और डियोजनाइज्ड जल का सोल्यूशनल शामिल किया गया है। सबसे पहले यह सैनिटाइजर विश्वविद्यालय के उन कर्मचारियों को नि:शुल्क दिया जायेगा, जो जनता के संपर्क में आने वाले पहले लोग होते हैं। इसके पश्चात यह विवि के सभी सदस्य-विद्यार्थियों को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर श्रीधर, महानिर्देशक डॉ. बैजू जॉन और कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने विज्ञान विभाग के प्रयासों की सराहना की है और कहा कि सैनिटाइजर ज्यादा से ज्यादा मात्रा में बनाना चाहिए और जितने ज्यादा संभव हो लोगो को ‘नफा न नुकसान आधार ’ पर मुहैया कराया जाना चाहिए।
डॉ. गांधी ने बताया कि कलिंगा विश्वविद्यालय अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत समाज में कोरोना वायरस से लड़ाई में शिक्षित करने और सशक्त करने की भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। कलिंगा विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एक ऑटोमैटिक सेनिटाइजर गेट बनाकर एक अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। पहला प्रोजेक्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्राध्यापक समीर वर्मा द्वारा बनाया गया है। इससें होकर गुजरने पर यह मशीन सेंसर की मदद से पूरे शरीर को चंद सेकेंड में सैनिटाइज कर देती है।