सामान्य ज्ञान
स्कॉटलैंड की जनता ने जनमत सर्वेक्षण के जरिए तय करने जा रही है कि क्या उसे वर्ष 2016 से आजादी चाहिए या नहीं। फिलहाल स्कॉटलैंड ब्रिटेन में आता है।
आजाद स्कॉटलैंड, यह सिर्फ स्कॉटलैंड के लिए ही नहीं ब्रिटेन, यूरोप और नाटो के लिए बड़ा फैसला होगा। आजादी के समर्थकों का मानना है कि 50 लाख की जनसंख्या वाले इस इलाके को कुछ नुकसान नहीं होगा। उत्तरी सागर में तेल के कुएं से मिलने वाले धन से वह अपने पैर पर खड़े हो सकते हैं। ब्रिटेन के तेल का अधिकतर हिस्सा स्कॉटलैंड से ही जाता है। आजादी के विरोधियों का मानना है कि अंतर से समानता ज्यादा है। उन्हें सबसे ज्यादा चिंता विपरीत आर्थिक परिणामों की है। एक मुद्दा कि उत्तरी सागर से मिलने वाला प्राकृतिक ईंधन और तेल कब तक चलेगा। जनमत संग्रह से पहले कई छोटी छोटी चीजें साफ नहीं हुई है- जैसे कि स्कॉटलैंड की मुद्रा क्या होगी, पाउंड या स्टरलिं। क्या स्कॉटलैंड यूरोपीय संघ में जाएगा। ऐसे में क्या वहां भी यूरो चलेंगे या क्या उसकी कोई अपनी मुद्रा होगी। ऐसे कई सारे मुद्दे हैं, जो तय किए जाने हैं।
स्कॉटलैंड पहले स्वतंत्र मुल्क था लेकिन वर्ष 1707 में यह इंग्लैंड में शामिल होकर यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा बन गया। अपने योद्धाओं, बैगपाइपर के संगीत और स्कर्ट पहनने वाले पुरुषों के लिए मशहूर स्कॉटलैंड की खूबसूरत वादियों में करीब 2 हजार के आसपास नए और पुराने किले मिलते हैं। यहां का सबसे पुराना किला 11वीं शताब्दी का है। खास बात ये है कि यहां के कई मकानों में भी किलों की डिजाइन देखने को मिलता है। स्कॉटलैंड का सबसे अहम व्यवसाय पशुपालन है। पहाड़ी इलाके में भेड़ पालन का चलन सदियों पुराना है। भेड़ के अलावा गायें भी यहां काफी तादाद में पाली जाती हैं।
कहा जाता है कि स्कॉटलैंड के समुद्र में डायनासॉर के कुछ वंशज आज भी रहते हैं। दशकों पहले कई लोगों ने यहां विचित्र जलीय जीवों को देखने का दावा भी किया था। यहां की सैंडी बीच की सुंदरता काफी मशहूर है। स्कॉटलैंड में दुनिया के मशहूर गोल्फ मैदान हैं। दुनिया के 40 बेस्ट गोल्फ कोर्ट यहीं हैं। राजधानी ग्लासगो को गोल्फ प्रेमियों के लिए जन्नत कहा जाता है।