सामान्य ज्ञान
विश्वविख्यात न्यूरोलॉजिस्ट सिगमंड फ्रायड का निधन 23 सितंबर, 1939 में हुआ था। यहूदी माता पिता की संतान फ्रायड पढऩे लिखने में बेहद प्रतिभाशाली थे। वे यूनिवर्सिटी ऑफ वियना से पढ़ाई पूरी कर 1881 में डॉक्टर बन गए थे। मरीज और डॉक्टर के बीच बातचीत के जरिए मनोविश्लेषण करने और उसके जरिए इलाज के तरीके ढूंढने की शुरुआत फ्रायड ने ही की।
इंसान का दिमाग शुरू से ही उन्हें आकर्षित करता था और उसके रहस्यों को खोलने की जिज्ञासा उम्र भर कायम रही। चिकित्सा के साथ ही जीवन, मृत्यु, सेक्स, सपने और स्त्री पुरुष के संबंधों पर नई धारणाओं ने उन्हें एक महान वैज्ञानिक और विचारक बनाया।
फ्रायड के सिद्धांतों और विचारों पर बहुत विवाद भी हुए। जर्मनी में नाजी शासन के दौरान फ्रायड और उनके विचारों पर काफी हमले हुए। इसके अलावा फ्रायड के विचारों को धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के विरुद्ध मान कर भी बड़ा विरोध हुआ और एक नई बहस शुरू हुई जिसके सिरों का विस्तार बहुत दूर तक जाता है। इन सिद्धांतों और उनसे उठे सवालों पर चर्चा उनकी मौत के सात दशक बाद भी जारी है।