सामान्य ज्ञान

हीमोक्रोमेटोसिस या रक्तवर्णकता
24-Sep-2020 11:53 AM
हीमोक्रोमेटोसिस या रक्तवर्णकता

शरीर में ज्यादा लौह तत्व की मात्रा एक बीमारी को जन्म देती है , जिसका नाम है-हीमोक्रोमेटोसिस या रक्तवर्णकता। इस रोग में व्यक्ति के शरीर में कभी-कभी लौह तत्वों की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है कि  यदि उसकी अत्यंत संवेदनशील मैटर डिटेक्टर से जांच की जाए, तो डिटेक्टर का अलार्म बज उठेगा। 
पहले तक यह रोग बहुत दुर्लभ माना जाता था, लेकिन सातवें दशक के बाद हुए शोधों के बाद यह रोग सामान्य की श्रेणी में आ गया है।  ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्वीडन, ब्रिटेन और अमरीका में किए गए शोध के अनुसार प्रति हजार व्यक्तियों में 3.4 व्यक्ति ही इस रोग के शिकार होते हैं। भारत में इनकी संख्या कितनी है, यह अभी स्पष्टï नहीं है। 90 के दशक में  किए गए एक शोध के अनुसार अमरीका में 10 लाख से भी अधिक व्यक्ति अपने शरीर में सामान्य से अधिक मात्रा में लौह- तत्व जमा कर चुके हैं। 
शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में अधिक मात्रा में लौह तत्व जमा हो जाने से उनके ऊतकों को बहुत हानि पहुंचती है। इन्सुलिन बनाने वाली कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त हो जाने से रोगी मधुमेह का शिकार हो जाते हैं। हीमोक्रोमेटोसिस के 80 प्रतिशत रोगी मधुमेह से पीडि़त होते हैं। यकृत की कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त हो जाने से यकृत सिरोसिस हो जाता है, जो बाद में कैंसर का रूप ले लेता है। इस रोग से होने वाली अधिकांश मौतों का कारण यकृत का कैंसर ही होता है।  हृदय की मांसपेशियो में लोहे की अधिक मात्रा मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे हृदय गति बंद हो सकती है। हाथों-पैरो के जोड़ों में अधिक लोहा जमा हो जाने से गठिया हो जाता है।  टेस्टिस में जमा लोहा शुक्राणु पैदा करने वाली कोशिकाओं को नष्टï कर देता है, जो अनेक बार नपुंसकता जैसी स्थिति को भी जन्म दे देता है। 

गिनी बिसाओ
24 सितम्बर सन 1974 ईसवी को अफ्रीकी देश गिनी बीसाओ ने पुर्तग़ाल से अपनी स्वाधीनता की घोषणा की। वर्ष 1446 ईसवी में पुर्तग़ाल के युवराज प्रिंस हेनरी और उनके साथियों ने इस देश की खोज की जिसके बाद यह देश पुर्तग़ाल का उपनिवेश बन गया।
 17वीं और 18वीं शताब्दी में पुर्तग़ाल का भाग हो चुका यह देश योरोप वालों के दास व्यापार के केंद्रों में था। 1960 के दशक के आरंभ से इस देश की जनता ने पुर्तग़ाल के विरुद्ध अपना संघर्ष तेज़ कर दिया। यहां तक कि सन 1970 ईसवी में इस देश का दो तिहाई भाग स्वतंत्रता प्रेमियों के अधिकार में आ गया। पुर्तगाल ने अंतत: वर्ष 1974 में इस देश को स्वाधीन कर दिया। यह देश उत्तर पश्चिमी अफ्रीक़ा महाद्वीप में अटलॉटिक महासागर के तट पर स्थित है। इसके पड़ोसे में सेनेगाल और मिनी जैसे देश हैं।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news