साहित्य/मीडिया
ग्लिक की कविताएं मानवीय दर्द, मौत, बचपन, परिवार की पृष्ठभूमि
साहित्य के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार अमरीकी कवयित्री लुईस ग्लिक को दिया गया है.
नोबेल सम्मान देने वाली स्वीडिश अकादमी ने कहा कि 'ग्लिक की कविताओं की आवाज़ ऐसी है जिनमें कोई ग़लती हो ही नहीं सकती और उनकी कविताओं की सादगी भरी सुंदरता उनके व्यक्तिगत अस्तित्व को भी सार्वलौकिक बनाती है.'
अकादमी ने बताया कि जब उन्हें फ़ोन करके ये जानकारी दी गई तो वह 'आश्चर्यचकित'हो गईं.
ग्लिक का जन्म न्यूयॉर्क में साल 1943 में हुआ था. वह अमरीका के मैसेच्युसेट्स शहर में रहती हैं और फ़िलहाल येल विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर हैं.
साल 2010 से लेकर अब तक वह चौथी ऐसी महिला हैं जिन्हें साहित्य का नोबेल पुस्कार दिया गया है. नोबेल की शुरूआत साल 1901 में हुई और तब से लेकर अब तक वह ये सम्मान पाने वाली 16वीं महिला हैं.
आख़िरी बार साल 1993 में अमरीकी लेखिका टोनी मरिसन को 1993 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
ग्लिक को साल 1993 में पुलित्ज़र पुरस्कार उनकी रचना 'द वाइल्ड आइरिश' के लिए दिया गया था. साल 2014 में उन्हें नेशनल बुक अवॉर्ड से नवाज़ा गया.
साल 2008 में ग्लिक को वालेस स्टीवेंस पुरस्कार, 2001 में उन्हें बोलिंजन प्राइज़ फ़ॉर पोएट्री और 2015 नेशनल ह्युमेनिटीज़ मेडल दिया गया.
ग्लिक की कविताएं मानवीय दर्द, मौत, बचपन और परिवार की पृष्ठभूमि और उनकी जटिलताओं को बयां करती हैं.
अपनी रचनाओं में वह ग्रीक पौराणिक कथाओं और उसके पात्रों, जैसे- पर्सपेफोन और एरीडाइस से भी प्रेरणा लेती हैं, जो अक्सर विश्वासघात का शिकार होते हैं.
अकादमी ने कहा कि उसका 2006 का संग्रह एवर्नो एक 'उत्कृष्ट संग्रह' था.
नोबेल पुरस्कार कमेटी के अध्यक्ष एंड्रेस ऑल्सन ने कवियत्री की तारीफ़ करते हुए कहा कि 'उनके पास बातों को कहने का स्पष्टवादी और समझौता ना करने वाला अंदाज़ है जो उनकी रचनाओं को और बेहतरीन बनाता है.'
ग्लिक 1993 में 'बेस्ट अमेरिकन पोएट्री' की संपादक रहीं थीं. उन्होंने 2003-04 से कांग्रेस की लाइब्रेरी में पोएट लिट्रेचर कंसल्टेंट के रूप में काम किया था.(bbc)