विचार / लेख
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले पहले चरण के लिए मतदान बुधवार को शुरू हो रहा है. 28 अक्टूबर को 16 जिलों में 243 सदस्यीय विधानसभा की 71 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं.
कोरोना संकट के दौरान देश में पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 1066 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है, जिनमें 952 पुरुष तथा 114 महिलाएं हैं. इस चरण में कुल 1354 उम्मीदवारों ने नामांकन का पर्चा भरा था. चुनाव मैदान में सबसे कम प्रत्याशी बांका जिले के कटोरिया सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में हैं जबकि सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की संख्या गया टाउन में है. 28 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग में 31,371 मतदान केंद्रों पर 2,14,84,787 वोटर अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे जिनमें एक करोड़ 12 लाख 76 हजार 396 पुरुष तथा एक करोड़ 12 लाख नौ हजार 101 महिलाएं एवं 599 ट्रांसजेंडर हैं. 71 में नक्सल प्रभावित 35 सीटों पर शाम चार बजे तक ही मतदान होगा जबकि अन्य जगहों पर सुबह सात बजे से सायं छह बजे तक वोट डाले जा सकेंगे.
आयोग ने वोट डालने के लिए मतदाता पहचान पत्र के अलावा आधार कार्ड, पैन कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस समेत 11 विकल्प दिए हैं, जिनके आधार पर वोट डाले जा सकेंगे. इस चरण के चुनाव प्रचार में सभी पार्टियों के दिग्गज नेताओं व स्टार प्रचारकों ने मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन सभाएं कीं जबकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दो जगहों पर चुनावी सभा को संबोधित किया. इधर, कोरोना संक्रमण में भी तेजी आई है. बीते बीस दिनों में उन छह जिलों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है जहां पहले चरण में चुनाव होना है.
आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
16 जिलों में 71 सीटों पर होने वाले इस चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन के नीतीश सरकार के आठ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है. इन मंत्रियों में जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, गया टाउन से कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, दिनारा से विज्ञान व प्रावैधिकी मंत्री जयकुमार सिंह, बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, चैनपुर से खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद, लखीसराय से श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिंह तथा राजपुर से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला शामिल हैं, जिनके भाग्य का फैसला पहले चरण के चुनाव में ही हो जाएगा. इनके अलावा जो प्रमुख हस्तियां पहले चरण के चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहीं हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतनराम मांझी, ख्यात निशानेबाज श्रेयसी सिंह (भाजपा), बाहुबली अनंत सिंह (कांग्रेस), बागी भाजपा नेता रामेश्वर चौरसिया (लोजपा) तथा बागी भाजपा नेता राजेंद्र सिंह (लोजपा) शामिल हैं.
बहुकोणीय मकाबलों में मतदाताओं का दिल जीतने की कोशिश
पहले चरण के लिए अलग-अलग गठबंधनों के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के 42, जनता दल यू के 35, भारतीय जनता पार्टी के 29, कांग्रेस के 21, माले के आठ, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के छह, विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के एक,, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 43, लोक जनशक्ति पार्टी के 42, बहुजन समाज पार्टी के 27 प्रत्याशी मैदान में हैं. वर्तमान में 25 सीट पर राजद, 23 पर जदयू, 13 पर भाजपा, आठ पर कांग्रेस, एक पर हम तथा एक-एक सीट पर माले व निर्दलीय का कब्जा है. जातिगत तौर पर देखें तो इन 71 सीटों में से 22 पर यादव, सात-सात पर राजपूत,कुशवाहा व भूमिहार जाति के विधायकों का कब्जा है. पार्टियों ने जिस तरह की रणनीति अपनाई है इस बार भी जीत-हार में जाति निर्णायक फैक्टर होगा. पार्टियों ने भी इसी हिसाब से उम्मीदवार उतारे हैं और इसे ही ध्यान में रख गोलबंदी भी की जा रही है.
नीतीश की खिलाफत कर रही लोजपा
लोजपा ने जिन 42 उम्मीदवारों को उतारा है उनमें 35 जनता दल यू, छह हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा, एक वीआइपी के खिलाफ खड़े हैं. तात्पर्य यह कि लोजपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने अपनी घोषणा के अनुसार भाजपा के खिलाफ एक भी उम्मीदवार नहीं दिया है, किंतु मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके सहयोगियों के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
मुख्यमंत्री पर सत्ता बचाने का दबाव
इस चरण में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) या महागठबंधन के दलों ने जितने भी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उनमें पांच सीटें ऐसी हैं जहां दोनों ओर से महिला प्रत्याशी ही आमने-सामने हैं. इनमें कटोरिया सुरक्षित सीट पर राजद की स्वीटी सीमा हेम्ब्रम भाजपा की निक्की हेम्ब्रम से, मसौढ़ी सीट पर राजद की रेखा देवी जदयू की नूतन पासवान से, बाराचट्टी सीट पर राजद की समता मांझी हम की ज्योति देवी से, कोढ़ा सुरक्षित सीट पर कांग्रेस की पूनम पासवान भाजपा की कविता पासवान से तथा परिहार सीट पर राजद की रितु जायसवाल भाजपा की गायत्री देवी से लोहा लेंगी. लोगों की नजर बाहुबली अनंत सिंह और जदयू के बागी प्रत्याशी ददन पहलवान पर भी है. अनंत पटना जिले के मोकामा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं तो वहीं बक्सर जिले की डुमरांव विधानसभा सीट से जदयू विधायक ददन पहलवान इस बार पार्टी द्वारा बेटिकट किए जाने से निर्दलीय ही ताल ठोंक रहे हैं. जदयू ने ददन की जगह पार्टी की प्रवक्ता अंजुम आरा को उम्मीदवार बनाया है.
319 प्रत्याशियों का है क्रिमिनल रिकॉर्ड
प्रथम चरण में होने वाले चुनाव में जो 1066 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं, उनमें 319 यानी करीब 30 प्रतिशत प्रत्याशियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें सबसे अधिक दस आपराधिक मामले वाले प्रत्याशी गया जिले की गुरुआ विधानसभा सीट से हैं. पार्टीवार देखें तो राजद ने 73 प्रतिशत तथा भाजपा ने 72 फीसद ऐसे लोगों को प्रत्याशी बनाया है जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड है.
अपराध के मुद्दे पर दिन-रात राजद को कोसने वाली भाजपा भी पाक साफ नहीं है. हालांकि भाजपा के नेता इसे ‘लोहे का काट लोहे से' की संज्ञा देते हैं. प्रथम चरण के चुनाव प्रचार की प्रक्रिया समाप्त होने से पहले शिवहर जिले से जनता दल राष्ट्रवादी पार्टी के उम्मीदवार तथा उनके एक समर्थक की जनसंपर्क के दौरान हत्या कर दी गई तथा उन्हें गोली मारने वाले अपराधियों में एक को पकड़ कर लोगों ने पीटकर मार डाला.
कई करोड़पति हैं मैदान में
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिकॉर्ड्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार प्रथम चरण के चुनाव में मैदान में उतरे एक तिहाई उम्मीदवार करोड़पति हैं जिनकी संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है. 1066 प्रत्याशियों में ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 375 है. जिनकी संपत्ति औसतन करीब दो करोड़ है. इनमें सबसे अधिक अमीर कांग्रेस के टिकट पर पटना जिले के मोकामा से चुनाव मैदान में उतरे बाहुबली अनंत सिंह हैं जिनकी संपत्ति 68 करोड़ है. इनके अलावा गया जिले की अतरी सीट से जदयू उम्मीदवार मनोरमा देवी व कुटुम्बा से कांग्रेस प्रत्याशी राजेश कुमार हैं जिन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति क्रमश: 53 व 33 करोड़ घोषित की है. आंकड़ों के मुताबिक इस चरण में राजद में सर्वाधिक 98 फीसद, जदयू में 89, भाजपा में 83, लोजपा में 73, बहुजन समाज पार्टी में 46 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार हैं.
पहले चरण में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र से राजद की दिव्या प्रकाश हैं, जिनकी आयु महज 28 साल है. दिव्या पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव की बेटी हैं. जमुई से भाजपा की उम्मीदवार श्रेयसी सिंह उम्र में इनसे दो साल बड़ी हैं. वहीं सिकंदरा सुरक्षित सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे 79 वर्षीय रामेश्वर पासवान सबसे उम्रदराज हैं. पत्रकार राजीव रंजन कहते हैं, "इतना तो साफ है कि 2005 तथा 2010 में लालू राज के खिलाफ व सुशासन के मुद्दे पर तथा 2015 में भाजपा को हराने के मुद्दे पर चुनाव लड़ा गया, किंतु इस बार किसी एक मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा जा रहा. इस बार क्षेत्रवार मुद्दे हावी रहेंगे जिन्हें आप एंटी इन्कमबैंसी की संज्ञा भी दे सकते हैं." इसके अलावा कोरोना संकट भी है. कहीं न कहीं यह एक हद तक मतदान प्रतिशत को तो प्रभावित करेगा ही. वैसे इस बार भी युवाओं व महिलाओं की भूमिका ही निर्णायक रहेगी.(dw.com)