विचार / लेख
गिरीश मालवीय
सबसे पहले रिलायन्स की एजीएम में नीता अम्बानी वेक्सीनेशन प्रोग्राम में जियो की महत्वपूर्ण भूमिका का खुलासा करती है फिर भारत के स्वास्थ्य मंत्री हाथ पर लगाने वाले एक स्किन बॉडी सेंसर टैटू का अपने ट्वीट में जिक्र करते हैं फिर किरण मजूमदार शॉ टीकाकरण में क्यूआर कोड को जोडऩे की बात करती है और आज यह बात सामने आ रही है कि वैक्सीन का क्यूआर कोड एक हकीकत है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बहुत महत्वपूर्ण खबर आई है। मोदी सरकार जब लोगो को कोरोना वैक्सीन लगाएगी तो उन्हें क्यूआर कोड के रूप में सर्टिफिकेट भी जारी करेगी। संडे एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना टीकाकरण अभियान का ब्लूप्रिंट तैयार हो चुका है और एक नया ट्रैकिंग प्रोग्राम बनाया गया है जिसे ‘इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क’ कहा जा रहा गया है। घरेलू स्तर पर विकसित इस तकनीक से वैक्सीन के स्टॉक की डिजिटल तरीके से निगरानी भी होगी साथ ही इससे वैक्सीन पाने वाले लोगों की भी ट्रैकिंग हो सकेगी। इसके लिए व्यक्ति को वैक्सीन लगने के बाद उसे क्यूआर आधारित डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जो कि सिस्टम जेनरेटेड होगा
आप ही बताइये कि कोरोना वैक्सीन पाए हुए लोगों की ट्रेकिंग किए जाने का क्या औचित्य है?
कोरोना काल की शुरुआत से ही बता रहा हूँ कि ये वैक्सीन सिर्फ एक वैक्सीन नहीं है यह एक इम्युनिटी पासपोर्ट है जो हमारे कहीं भी मूव करने के लिए एक बेहद जरूरी पंजीकरण है। दरअसल कोरोना के टीके का डिजिटलीकरण करना वैश्विक आईडी 202 के प्रोग्राम का हिस्सा है
क्यूआर कोड के जरिए वेक्सिनाइजेशन सर्टिफिकेट का डिजिटलीकरण करना यह बता रहा है कि यह एक वृहद अंतरराष्ट्रीय षडय़ंत्र है। एक बार यह क्यू आर कोड हमारे पास आ गया तो लोग इसे एक तमगे के बतौर लेकर घूमेंगे.....ओर समाज मे एक नया डिस्क्रिमिनेशन आ जाएगा, जिनके पास यह कोड नही होगा उन्हें मॉल एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक तरह से वे अछूत बना दिए जाएंगे।
15 अगस्त को नरेंद्र मोदी ने नागरिकों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शुरू करने की घोषणा की थी डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को एक विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान नंबर दिया जाएगा। प्रत्येक नागरिक को जो आईडी कार्ड मिलेगा, उसमें उसकी मेडिकल कंडिशन्स की सारी जानकारी होगी। इसमे भी एक क्यूआर कोड की ही बात की गईं थी।
जब इस मिशन का मसौदा रिलीज किया गया तो उसमे बताया गया कि हैल्थ कार्ड के जरिए कलेक्ट किए जाने वाला यह डेटा कैसे ‘व्यक्तिगत और संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा’ को कवर करता है !
‘संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा’ के रूप में वर्गीकृत किए गए डेटा बिंदुओं में एक व्यक्ति के वित्तीय विवरण, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, यौन जीवन, चिकित्सा रिकॉर्ड, लिंग और कामुकता, जाति, धार्मिक और राजनीतिक मान्यताओं के साथ-साथ आनुवंशिक और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड शामिल हैं।
अब आप स्वयं इस बात का जवाब खोजिए कि हैल्थ डाटा में व्यक्ति के वित्तीय विवरण, यौन जीवन लिंग और कामुकता, जाति, धार्मिक और राजनीतिक मान्यताओं के बारे में जानकारी लेने का क्या मतलब है ?
सबसे पहले रिलायन्स की एजीएम में नीता अम्बानी वेक्सीनेशन प्रोग्राम में जियो की महत्वपूर्ण भूमिका का खुलासा करती है फिर भारत के स्वास्थ्य मंत्री हाथ पर लगाने वाले एक स्किन बॉडी सेंसर टैटू का अपने ट्वीट में जिक्र करते हैं फिर किरण मजूमदार शॉ टीकाकरण में क्यूआर कोड को जोडऩे की बात करती है और आज यह बात सामने आ रही है कि वैक्सीन का क्यूआर कोड एक हकीकत है।