सामान्य ज्ञान

नरक चतुर्दशी- छोटी दीपावली
29-Oct-2020 9:22 AM
नरक चतुर्दशी- छोटी दीपावली

नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को कहा जाता है। नरक चतुर्दशी को  छोटी दीपावली  भी कहते हैं। इसके अतिरिक्त इस चतुर्दशी को  नरक चौदस, रूप चौदस, रूप चतुर्दशी, नर्क चतुर्दशी या नरका पूजाके नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यह माना जाता है कि कार्तिक कृष्णपक्ष चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा का विधान है। दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी के दिन संध्या के पश्चात दीपक प्रज्ज्वलित किए जाते हैं। इस चतुर्दशी का पूजन कर अकाल मृत्यु से मुक्ति तथा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए यमराज जी की पूजा व उपासना की जाती है।
नरक चतुर्दशी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं।  एक  प्रसंग के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह में कृष्ण चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलवाई थी। इसके साथ ही कृष्ण भगवान ने सोलह हज़ार कन्याओं को नरकासुर के बंदीगृह से मुक्त करवाया। इन कन्याओं ने श्री कृष्ण से कहा कि समाज उन्हें स्वीकार नहीं करेगा अत: आप ही कोई उपाय करें। समाज में इन कन्याओं को सम्मान दिलाने के लिए सत्यभामा के सहयोग से श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया।
 इसी उपलक्ष्य में नगरवासियों ने नगर को दीपों से प्रकाशित किया और उत्सव मनाया। तभी से नरक चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाने लगा।  एक अन्य मान्यता के अनुसार नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करके यमराज की पूजा और संध्या के समय दीप दान करने से नर्क के यतनाओं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। इस कारण भी नरक चतु्र्दशी के दिन दीनदान और पूजा का विधान है।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। संयुक्त राष्ट महासभा द्वारा प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया। 
अभिव्यक्ति की आजादी अनुच्छेद 19 के अनुसार मौलिक मानवाधिकार है। प्रेस की आजादी और समाचारों को लोगों तक पहुंचाकर, सशक्त हो रहे मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना इसका उद्देश्य है।
3 मई, 1991 को अफ्रीकी समाचारपत्रों के पत्रकारों द्वारा जारी किए गए विंड हॉक की घोषणापत्र की वर्षगांठ भी 3 मई को ही होती है। प्रत्येक वर्ष इसी तिथि को प्रेस की आजादी के बुनियादी सिद्धांतों को याद किया जाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी पत्रकार अपना काम निर्भय होकर करने की शपथ लेते हैं।
 

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