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डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
दिल्ली एनसीआर के फरीदाबाद में दिन दहाड़े एक 21 वर्षीय छात्रा को गोली मार देने की घटना से महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कई प्रश्न एक बार फिर खड़े हो गए हैं. हमलावर ने 2018 में उसी महिला का अपहरण भी किया था.
निकिता तोमर को फरीदाबाद जिले के बल्लबगढ़ में उन्ही के कॉलेज के बाहर गोली मारी गई. घटना में तौसीफ और रिहान नामक दो लड़के शामिल थे और दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए घटना के वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दोनों युवक निकिता को जबरदस्ती एक गाड़ी के अंदर डालने का प्रयास करते हैं, निकिता खुद को उनसे छुड़ा कर भागती है और दोनों युवक फिर उसे गोली मार कर गाड़ी में सवार होकर फरार हो जाते हैं. निकिता की बाद में एक अस्पताल में मौत हो गई.
Correction: The prime accused's name is Tauseef. He has been arrested. His associate, Rehan, seen in cctv too, arrested as well. https://t.co/FamS1Jx39V
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) October 27, 2020
दोनों लड़कों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि तौसीफ को 2018 में निकिता के ही अपहरण के जुर्म में जेल हुई थी. निकिता के परिवार के अनुसार तौसीफ उस से शादी करना चाहता था और उसे जबरदस्ती मनाने के उद्देश्य से उसने उसका अपहरण कर लिया था.
परिवार ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी की लेकिन बाद में निकिता की बदनामी के डर से शिकायत वापस ले ली. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के आंकड़े भी यह दिखाते हैं कि बड़ी संख्या में इन मामलों में हमलावर महिला का जानकार ही होता है. पीड़िता और उसका परिवार अक्सर समाज के डर से या दबाव में आ कर पुलिस के पास नहीं जाते.
जानकारों का कहना है कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बार अपहरण कर लेने के बावजूद तौसीफ को दोबारा अपराध को अंजाम देने का मौका मिला और उसने महिला की जान ही ले ली. इससे पुलिस, तौसीफ के परिवार और निकिता के परिवार को लेकर भी कई प्रश्न खड़े होते हैं.
जैसे एक बार अपराध कर लेने के बाद भी तौसीफ पुलिस की नजर में क्यों नहीं आया और उसके परिवार ने भी यह कैसे नहीं जाना कि वो अपराध की तरफ बढ़ रहा है. निकिता के परिवार के लिए भी यह अफसोस करने की बात है कि अगर उन्होंने तौसीफ के खिलाफ 2018 में की गई अपनी शिकायत वापस ना ली होती तो शायद आज हालात कुछ और होते.(dw.com)