सामान्य ज्ञान
महाभारत में जिस हस्तिनापुर नगर का उल्लेख मिलता है, वह इस समय उत्तप्रदेश राज्य का हिस्सा है। यह एक छोटा सा नगर है, जो मेरठ से 37 किलोमीटर और दिल्ली से 120 किलोमीटर दूर है। महाभारत काल में यह नगर कौरवों की राजधानी हुआ करता था। उस समय हस्तिनापुर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ था। समय का चक्र कुछ इस तरह से चला कि गंगा का प्रवाह ही बदल गया।
इस समय हस्तिनापुर में जैन मंदिर है, प्राचीन शिवलिंग हैं और एक घना जंगल है जिसे अब राष्टï्रीय उद्यान का दर्जा मिल गया है। यहां पर तरह-तरह के जीव- जंतु पाए जाते हैं। सर्दियों के मौसम में इस उद्यान में अफगानिस्तान, तुर्केमेनिस्तान , चीन और साइबेरिया से बहुत सारे अप्रवासी पक्षी आते हैं जिनकी वजह से इस उद्यान में बहुत रौनक रहती है।
अवेस्ताई भाषा
अवेस्ताई भाषा, अशुद्घ रुप में जैद भाषा भी कहलाती है। यह पारसियों की पवित्र पुस्तक अवेस्ता की पूर्वी ईरानी भाषा है। अवेस्ता के दो सत्र हैं गाथाओं की भाषा जो भारत मे ंवैदिकर संस्कृति (६००ई.पू.) से निकटता प्रदर्शित करती हैं अवेस्ता के अधिकांश भाग को भाषा के मौजूदा रुप में लिखा गया है और यह क्रमवार सरलता और व्याकरणीय संशोधन का स्वरुप प्रदर्शित करता हैं अवेस्ता के धर्मसूत्र निश्चित किये जाते समय अवेस्ता मृत भाषा बन चुकी थी जो केवल पुरोहितों को ज्ञात थी ४०० ई.पू. में यह प्रतिदिन बोली जाने वाली भाषा शायद नहीं रही थी पंरतु धार्मिक प्रवचन मौखिक परंपरा में दिये जाते थे वह लिपि जिसमें अवेस्ता को लिखा गया अर्मेनियाई से निकले परवर्ती पहलवी लेखन ें विकसित हुई थी।