सामान्य ज्ञान
वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी कई प्रकार की गैसों और धूलकणों के मिश्रण से बनी है। इनमें जो हल्की गैसें थीं, मसलन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन, वे पृथ्वी की भीतरी परतों में समा गई थीं। ज्वालामुखी फटने से ये गैसें द्रवित हो गईं और पृथ्वी के ऊपरी हिस्से में वाष्प के रूप में फैल गई। धीरे-धीरे संघनन प्रक्रिया से बारिश हुई और यह पानी पूरी पृथ्वी पर फैल गया। यह पृथ्वी के उन हिस्सों में जमा हो गया, जो निचले या गड्ढे वाले इलाके थे। बहरहाल, इस तरह से हुआ समुद्र का जन्म। हालांकि इस बारे में विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं।
समुद्र पृथ्वी तकरीबन 71 प्रतिशत हिस्से में फैले हैं। इसे यदि किलोमीटर में आंके, तो यह होगा 36 करोड़ 10 लाख वर्ग किलोमीटर। दुनिया में समुद्र की सबसे अधिक गहराई पश्चिमी प्रशांत महासागर के मेरियाना ट्रैंच में पाई जाती है। वैसे, समुद्र की औसत गहराई होती है 12 हजार दो सौ तीस फीट यानी 3 हजार सात सौ तीस मीटर । दुनिया में समुद्रों को पैसिफिक या प्रशांत, अटलांटिक, इंडियन और आर्कटिक-इन चार भागों में विभाजित किया गया है। इन्हें महासागर भी का जाता है। हालांकि ये सभी महासागर आपस में जुड़े होते हैं। पैसिफिक, जिसे प्रशांत महासागर भी कहते हैं, सबसे विशाल और सबसे गहरा महासागर है।
ये महासागर वायुमंडल में गैसों के प्राकृतिक संतुलन, मौसम के संचालन और पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में अहम् भूमिका निभाते हैं।