सामान्य ज्ञान
आशीले लाउरो एक शानदार पर्यटक जहाज था जो 30 नवंबर 1994 को सोमालिया के नजदीक सागर में आग लगने के बाद डूब गया।
आशीले लाउरो का इतिहास काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। सागर में डूबने से पहले इस शानदार जहाज पर हत्याएं और आतंकवादी वारदात हो चुकी थी। इस जहाज को रॉयल रोटरडैम कंपनी ने 10 साल की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया था। जहाज का वजन 24 हजार टन था।
वर्ष 1947 में जब इस जहाज को पानी में उतारा गया तो यह नीदरलैंड्स से भारतीय उप महाद्वीप के बीच यात्रियों के सफर और माल ढुलाई के इस्तेमाल में लाया गया। वर्ष 1965 में स्टार लाउरो नाम की लग्जरी जहाज कंपनी ने इसे खरीद लिया। उसके बाद इसका इस्तेमाल लग्जरी जहाज के तौर पर होने लगा।
आशीले लाउरो के इतिहास की सबसे कुख्यात वारदात 1985 में हुई जब फिलिस्तीनी चरमपंथियों ने जहाज का अपहरण कर लिया। चरमपंथियों की गोली से अमेरिकी पर्यटक लियोन क्लिंगहॉफर की मौत हो गई। वर्ष 1994 में पूर्वी अफ्रीका के पास से गुजरते हुए आशीले लाउरो में आग लग गई। उस वक्त जहाज में एक हजार यात्री सवार थे। आग से लोगों को बचाने के लिए लाइफबोट को समंदर में उतारा गया। आशीले लाउरो को तट तक खींच कर लाने के लिए एक और जहाज भेजा गया, लेकिन जैसे ही दोनों जहाजों को जोडऩे की कोशिश की गई, आशीले लाउरो में बड़ा धमाका हुआ। इस धमाके में दो लोगों की मौत हो गई और आशीले लाउरो समंदर में डूब गया।