सामान्य ज्ञान
कैमूर की पहाडिय़ां, विंध्य पर्वतश्रेणी का पूर्वी हिस्सा है, जो मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के पास कटंगी से शुरू होता है। यह पूर्व से किंचित उत्तर दिशा में बिहार में सासाराम तक लगभग 483 किमी से अधिक फैला हुआ है। जबलपुर के उत्तरी और मैहर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से से होते हुए यह श्रेणी पूर्व की ओर मुड़ती है और रींवा से गुजरती है। यहां यह सोन और टोन्स नदियों की घाटियों को विभक्त करती हुई उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर जिले और बिहार के शाहाबाद तक जाती है। इसकी अधिकतम चौड़ाई 80 किमी है।
मध्यप्रदेश में इस पर्वतश्रेणी का विशिष्टï स्वरूप है, जहां रूपांतरित चट्टïानें ओर ऐसी परतदार चट्टïानें हैं, जो अनेक उतार-चढ़ाव से गुजरी हैं। ये परतें लगभग ऊध्र्वाधर हैं, जो इसे चाकू की धारनुमा नुकीले स्कंध का स्वरूप प्रदान करते हैं। कई स्थानों पर ये लगभग गायब हो जाती हैं और सिर्फ निचली शैली श्रृंखला के रूप में इसके चिह्नï दिखाई देते हैं। यह श्रेणी मैदान से कभी भी कुछ सौ मीटर से अधिक ऊंची नहीं जाती है।
इन पहाडिय़ों में रोहतास दुर्ग के भग्रावशेष स्थित हैं। समूची श्रेणी की चट्टïानों में बलुआ पत्थर और स्लेटी पत्थर मिलते हैं। विजयगढ़ के पास गुफाओं और चट्टानी आश्रय स्थलों में अनगढ़ चित्रकारी और पत्थर से बने औजारों के रूप में प्रागैतिहासिक मानव के रोचक स्मृति चिह्नï मिले हैं।