सामान्य ज्ञान
10 जनवरी सन 1824 ईसवी को ब्रिटेन के रसायनशास्त्री जोजफ़ ऐस्पीडियन ने पहली बार का उत्पादन किया सीमेंट बनाया था। उनकी इस उपलब्धि को निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति समझा जाता है। वे बहुत दिनों से कोई ऐसा पदार्थ बनाने के प्रयास में थे जो इमारतों को मज़बूती प्रदान करे। बहुत दिनों के अध्ययन और शोधकार्य के बाद अंतत: वे सीमेंट बनाने में सफल हो गये। बाद में सीमेंट में कुछ और पदार्थों को मिलाकर इसे और भी मज़बूत बना दिया गया।
पोर्टलैंड सीमेंट वर्तमान समय की सामान्य उपयोग में आने वाली पूरे संसार में सर्वाधिक प्रचलित सीमेंट है। यह कांक्रीट, गारा, आदि का मूल अवयव है। सीमेंट की विभिन्न किस्में उपलब्ध हैं। साधारण निर्माण कार्य में आमतौर पर पोर्टलैंड सीमेंट ही प्रयुक्त होता हैपोर्टलैंड सीमेंट के आविष्कार से पहले तक जोडऩे के काम में लाए जाने वाले पदार्थ साधारण चूना और बुझा चूना थे। पोर्टलैंड सीमेंट का आविष्कार एक अंग्रेज राज जोसेफ एस्पडिन ने 1824 ई. में किया। कठोर हो जाने के गुण तथा इंग्लैंड के पोर्टलैंड स्थान में पाई जाने वाली एक शिला के नाम पर इसका नाम पोर्टलैंड सीमेंट पड़ा। पोर्टलैंड सीमेंट का निर्माण चूना पत्थर और जिप्सम के मिश्रण को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर निश्चित ताप पर गरम करने से होता है। ऐसे प्राप्त अवशिष्ट राख को ठंडा कर, फिर पीसकर महीन चूर्ण बनाया जाता है जिसका 90 प्रतिशत भाग चलनी संख्या 170 (एक इंच में 170 छिद्र होते हैं) से छन जाता है। इन तीन कच्चे घटकों के अनुपात को समायोजित करने और अल्प मात्रा में अन्य रसायनकों के मिला देने से सीमेंट की विभिन्न किस्में प्राप्त की जा सकती हैं।
पोर्टलैंड सीमेंट के बड़े पैमाने पर निर्माण में जिन खनिजों का प्रयोग होता है उनमें सिलिका, ऐल्युमिना, आइरन ऑक्साइड, चूना, मैग्नीशिया शामिल हैं। इन्हें जलाने पर उनके बीच रासायनिक संयोजन होता है। सीमेंट के मुख्य घटक हैं, ट्राई कैल्सियम सिलिकेट, डाइ कैल्सियम सिलिकेट तथा ट्राई कैल्सियम ऐल्युमिनेट। इसके अतिरिक्त पीसने के पूर्व इसमें लगभग 3 प्रतिशत जिप्सम मिलाने से सीमेंट की उत्कृष्टता बढ़ जाती है। इससे सीमेंट के जमने के समय पर नियंत्रण रखा जा सकता है। सीमेंट में पानी मिलाने से सीमेंट जमता और कठोर होता है। इसे मजबूती प्रदान करने में 14 से 28 दिन या इससे अधिक लग जाते हैं।