सामान्य ज्ञान

कांगो वायरस
11-Jan-2021 9:09 AM
कांगो वायरस

कांगो वायरस यानी क्रीमियन कांगो हेमरेजिक फीवर विषाणु-  सीसीएचएफ ।   वर्ष 1944 में क्रीमिया में सबसे पहले सीसीएचएफ विषाणु पाया गया। वर्ष 1969 में कांगो में भी सीसीएचएफ विषाणु का संक्रमण फैला। इसलिए दोनों देशों के नाम पर इस विषाणु का नाम पड़ा।
सीसीएचएफ विषाणु नैरोवायरस समूह का विषाणु है। नैरोवायरस समूह आरएनए वायरस की बुनयाविरिडी फैमिली से संबंधित है। आम तौर पर जानवर इस विषाणु से संक्रमित होते हैं। जानवरों में यह विषाणु पिस्सू से फैलती है। जानवरों के संक्रमित खून या उत्तकों से मनुष्य में संक्रमण फैलता है। कांगो विषाणु से संक्रमित मनुष्य में  बुखार, सिर दर्द, मितली, दस्त, चक्कर आना, गला बैठना, आंखों में जलन आदि प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं?
 

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