सामान्य ज्ञान
गिरनार गुजरात राज्य के जीनागढ़ जिले का हिस्सा है। यह हिंदू और जैन धर्मावलंबियों दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। वास्तव में गिरनार पहाडिय़ों का एक समूह है, जिसे गिरनार हिल्स के नाम से जाना जाता है। गिरनार का उल्लेख वेदों के साथ-साथ सिंधू घाटी सभ्यता के लेखों में भी मिलता है। यह इस बात का प्रमाण है कि प्राचीन समय से ही इस स्थान को पवित्र माना जाता रहा है।
गिरनार पर्वत श्रृंखला में पांच चोटियां हैं और यहां कई हिंदू और जैन मंदिर हैं। इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को एक लंबी यात्रा करनी पड़ती है। यहां के जैन मंदिरों में तीर्थंकर नेमिनाथ मंदिर, मल्लिनाथ मंदिर, ऋषभदेव मंदिर और पाश्र्वनाथ मंदिर प्रमुख है। वहीं हिंदू मंदिरों में भवनाथ महादेव मंदिर, दत्तात्रेय मंदिर, अंबा माता मंदिर, कालीका मंदिर, रामचंद्र मंदिर, जटाशंकर महादेव मंदिर और गोमुखी गंगा मंदिर यहां स्थित है। इसके अलावा गिरनार हिल्स के पश्चिमी किनारे पर पवित्र हनुमान धारा भी है।
गिरनार की पांच चोटियों में पहली चोटी पर नेमिनाथ मंदिर है और उसके बाद अंबा माता मंदिर है। दूसरी चोटी को गुरू गोरखनाथ चोटी और तीसरी चोटी को औघड़ चोटी के नाम से जाना जाता है। इसके बाद दत्तात्रेय मंदिर की चोटी और फिर कालीका मंदिर की चोटी है। यहां गिरनार के जंगल में गिर नेशनल पार्क है।
प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-56 ई.)
1. इस योजना का उद्देश्य था-अर्थव्यवस्था के संतुलित विकास की प्रक्रिया आरंभ करना।
2. इस योजना में कृषि को उच्च प्राथमिकता दी गई।
3. यह सफल योजना रही तथा इसने लक्ष्य से आगे 3.6 प्रतिशत विकास दर को हासिल किया।
4. इस योजना के दौरान राष्टï्रीय आय में 18 प्रतिशत तथा प्रति व्यक्ति आय में 11 प्रतिशत की कुल वृद्धि हुई।
5. इस योजना काल में सार्वजनिक उद्योग के विकास की उपेक्षा की गई तथा इस मद में मात्र 6 प्रतिशत राशि खर्च की गई।