अंतरराष्ट्रीय

कजाकिस्तान में गहरा लोकतंत्र भारत संग बंधन को मजबूत करेगा : राजदूत
13-Jan-2021 7:47 PM
कजाकिस्तान में गहरा लोकतंत्र भारत संग बंधन को मजबूत करेगा : राजदूत

नई दिल्ली, 13 जनवरी | कजाकिस्तान मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार और एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। भारत में कजाकिस्तान के राजदूत येरलन अलिम्बयेव ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में यह बात कही।

उन्होंने अपने देश में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों के महत्व और राजनीतिक सुधारों के बारे में बात करने के अलावा भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर भी प्रकाश डाला।

पेश हैं साक्षात्कार के कुछ प्रमुख अंश :

प्रश्न : कजाकिस्तान के संसदीय चुनावों पर सभी की निगाहें थीं। इस बार कजाकिस्तान में राष्ट्रीय चुनाव अलग कैसे थे?

उत्तर : हमने 10 जनवरी 2021 को मजलिस (संसद का निचला सदन) में संसदीय चुनाव कराए। ये चुनाव केवल कजाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि स्वतंत्र राष्ट्रों के पूरे राष्ट्रमंडल के लिए भी बहुत हरावल (वैन्गार्ड) थे। सबसे पहले तो संसदीय चुनाव वैश्विक कोविड-19 महामारी के युग में आयोजित हुए। इसके बावजूद पूरी चुनाव प्रक्रिया सार्वजनिक सुरक्षा उपायों, जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, सुरक्षात्मक व्यक्तिगत उपकरण आदि के अनुरूप हुई।

सुधारों की बात करें तो पार्टी की सूची में महिलाओं और युवाओं के लिए 30 प्रतिशत कोटा, राय और विपक्ष की संस्कृति का स्वागत और एक संसदीय विपक्षी संस्थान का गठन शामिल है। मजलिस के लिए आखिरी चुनाव मार्च 2016 में हुए थे।

भारतीय चुनाव पर्यवेक्षकों के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं, जो शंघाई सहयोग संगठन टीम का हिस्सा रहे और नूर-सुल्तान में भारतीय दूतावास के एक हिस्से के रूप में पर्यवेक्षकों के तौर पर कुछ मतदान केंद्रों का दौरा किया।

यह देखते हुए कि कजाकिस्तान और भारत रणनीतिक साझेदार हैं, मैं वास्तव में विश्वास करता हूं कि आगे विकासवादी लोकतंत्रीकरण प्रक्रियाएं हमारे बंधन को और भी मजबूत बनाएंगी। कजाकिस्तान संसद की नए सिरे से बनाई गई रचना देश में सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए गुणवत्तापरक विधायी समर्थन पर केंद्रित होगी।

प्रश्न : 1992 से भारत और कजाकिस्तान के बीच संबंध कैसे विकसित हुए?

उत्तर : भारत के मध्य एशिया के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं और कजाकिस्तान क्षेत्र में एक विशेष स्थान रखता है। हमारे द्विपक्षीय संबंध हर साल बढ़ रहे हैं और इनका विस्तार जारी है। आधिकारिक रूप से 1992 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। 29 वर्षों में कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने पांच बार भारत का दौरा किया और भारतीय प्रधानमंत्रियों ने पांच बार कजाकिस्तान का दौरा किया। हमारे देशों के नेता वार्षिक आधार पर मिलते रहते हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और एससीओ जैसे बहुपक्षीय मंच शामिल हैं।

भारत और कजाकिस्तान के बीच संबंधों ने इस अवधि में काफी गतिशीलता और गति प्रदर्शित की है। भारत 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद एक स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र के रूप में कजाकिस्तान को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था।

साल 2009 में सामरिक भागीदारी पर हस्ताक्षर करके हमारे देशों के बीच सहयोग को एक उच्च स्तर पर लाया गया था। वर्तमान में हम महामारी के साथ स्थिति स्थिर होते ही 2021 में राष्ट्रपति कासम-जोमार्ट टोकायेव की पहली राष्ट्र यात्रा की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं।

इस समय कजाकिस्तान मध्य एशिया में भारत का मुख्य व्यापार भागीदार है। द्विपक्षीय व्यापार कारोबार क्षेत्र के बाकी राष्ट्रों के साथ भारत के कुल व्यापार कारोबार से अधिक है और 2020 के 11 महीनों में 2.3 अरब डॉलर के बराबर है।

प्रश्न : कजाकिस्तान और भारत के व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए ईरान का चाबहार बंदरगाह कितना महत्वपूर्ण है?

उत्तर : मध्य एशिया यूरेशियन महाद्वीप के सभी चार भागों को जोड़ने वाला एक अनूठा क्षेत्र है। प्राचीन काल से इस क्षेत्र ने यूरोप और एशिया के बीच सबसे छोटा मार्ग प्रदान किया है। आज मध्य एशियाई क्षेत्र पूर्व (चीन) और पश्चिम (यूरोप) को जोड़ने वाले भूमि गलियारे में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गया है और इसका काफी महत्व है।

--आईएएनएस

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news