सामान्य ज्ञान
दुनिया का हेली कॉमेट से परिचय कराने वाले एडमंड हेली ने 1742 में आज ही के दिन आखरी सांस ली। एडमंड हेली इंग्लैंड के सबसे प्रसिद्ध खगोलविदों में जाने जाते हैं।
हेली का जन्म इंग्लैंड के शोरडिच प्रांत में हुआ था। उनके पिता का साबुन का कारोबार था। बचपन से ही हेली की गणित में खास रुचि थी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के क्वींस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने सौरमंडल और सौर बिंदुओं के बारे लिखा। 1675 में वह ग्रीनविच ऑब्सरवेटरी में खगोलशास्त्री जॉन फ्लैमस्टीड के सहायक के रूप में काम करने लगे। 22 साल की उम्र में हेली ने ऑक्सफोर्ड से मास्टर की डिग्री हासिल की और रॉयल सोसाइटी में फेलो रिसर्चर के तौर पर चुने गए।
वैसे तो पृथ्वी के पास से कई धूमकेतु गुजरते हैं लेकिन हेली ऐसा धूमकेतु है जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। साथ ही यह करीब 76 साल में एक बार दिखाई देता है जो पृथ्वी के पास से गुजरने वाले किसी भी धूमकेतु के लिए सबसे कम अवधि है। एडमंड हेली ने 1705 में यह जानकारी दी। धूमकेतु धूल मिट्टी के बादल जैसे होते हैं जो कई सैकड़ों सालों बाद ही दोबारा देखने को मिलते हैं। इस लिहाज से हेली इकलौता ऐसा धूमकेतु है जिसे एक जीवनकाल में दो बार देखने की उम्मीद की जा सकती है। आखिरी बार इसे 1986 में देखा गया था और अब अगली बार इसके 2061 के मध्य में दिखाई देने की उम्मीद है।