सामान्य ज्ञान

नागराज
23-Jan-2021 12:37 PM
नागराज

नागराज एक संस्कृत शब्द है जो कि नाग तथा राज (राजा) से मिलकर बना है अर्थात नागों का राजा। यह मुख्य रुप से तीन देवताओं हेतु प्रयुक्त होता है - अनन्त (शेषनाग), तक्षक तथा वासुकि। अनन्त, तक्षक तथा वासुकि तीनों भाई महर्षि कश्यप, तथा उनकी पत्नी कद्रू के पुत्र थे जो कि सभी सांपों के जनक माने जाते हैं। मान्यता के अनुसार नाग का वास पाताल लोक में है।
सबसे बड़े भाई अनन्त भगवान विष्णु के भक्त हैं  और सांपों का मित्रतापूर्ण पहलू प्रस्तुत करते हैं क्योंकि वे चूहे आदि जीवों से खाद्यान्न की रक्षा करते हैं। भगवान विष्णु जब क्षीरसागर में योगनिद्रा में होते हैं तो अनन्त उनका आसन बनते हैं तथा उनकी यह मुद्रा अनन्तशयनम् कहलाती है। अनन्त ने अपने सिर पर पृथ्वी को धारण किया हुआ है। उन्होंने भगवान विष्णु के साथ रामायण काल में राम के छोटे भाई लक्ष्मण तथा महाभारत काल में कृष्ण के बड़े भाई बलराम के रुप में अवतार लिया। इसके अतिरिक्त रामानुज तथा नित्यानन्द भी उनके अवतार कहे जाते हैं।
छोटे भाई वासुकि भगवान शिव के भक्त हैं, भगवान शिव हमेशा उन्हें गर्दन में पहने रहते हैं। तक्षक सांपों के खतरनाक पहलू को प्रस्तुत करते हैं, क्योंकि उनके जहर के कारण सभी उनसे डरते हैं।
देवभूमि उत्तराखण्ड में नागराज के छोटे-बड़े अनेक मन्दिर हैं। वहां नागराज को आमतौर पर नागराजा कहा जाता है। सेममुखेम नागराज उत्तराखण्ड का सबसे प्रसिद्ध नागतीर्थ है। यह उत्तराकाशी जिले में है तथा श्रद्धालुओं में सेम नागराजा के नाम से प्रसिद्ध है। एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर डाण्डा नागराज पौड़ी जिले में है। तमिलनाडु के जिले के नागरकोइल में नागराज को समर्पित एक मन्दिर है। इसके अतिरिक्त एक अन्य प्रसिद्ध मन्दिर मान्नारशाला मन्दिर केरल के अलीप्पी जिले में है। इस मन्दिर में अनन्त तथा वासुकि दोनों के सम्मिलित रुप में देवता हैं।
केरल के तिरुअनन्तपुरम् जिले के पूजाप्पुरा में एक नागराज को समर्पित एक मन्दिर है। यह पूजाप्पुरा नगरुकावु मन्दिर के नाम से जाना जाता है। इस मन्दिर की अद्वितीयता यह है कि इसमें यहां नागराज का परिवार जिनमें नागरम्मा, नागों की रानी तथा नागकन्या, नाग राजशाही की राजकुमारी शामिल है, एक ही मन्दिर में रखे गए हैं।
 

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