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फ़ेसबुक ने घोषणा की है कि वो ऑस्ट्रेलिया के अपने यूज़र्स के लिए न्यूज़ सामग्री पर लगाए प्रतिबंध को हटा रहा है.
दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फ़ेसबुक ने एक प्रस्तावित क़ानून के विरोध में बीते गुरुवार से ऑस्ट्रेलिया में न्यूज़ से जुड़ी सामग्री बंद कर दी थी. इस प्रस्तावित क़ानून में प्रावधान किया गया है कि फ़ेसबुक और गूगल को सामग्री के लिए न्यूज़ पब्लिशर्स को भुगतान करना होगा.
ऑस्ट्रेलियाई वित्त मंत्री जोश फ्रायडेनबर्ग ने कहा कि “आने वाले दिनों में” फ़ेसबुक तमाम न्यूज़ पेज को फिर से चालू करेगा.
मंगलवार को उन्होंने एक बयान में कहा कि क़ानून में संशोधन किए जाएंगे.
सरकार कह चुकी है कि ये क़ानून टेक कंपनियों और मीडिया संस्थाओं के बीच बाज़ार में शक्ति संतुलन स्थापित करने के लिए लाया जा रहा है.
इस क़ानून पर दुनिया भर की नज़रें थी, लेकिन फ़ेसबुक और गूगल ने ज़ोरदार तरीक़े से इसका विरोध किया.
लेकिन फ़ेसबुक ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने हालिया चर्चा में उसे आश्वासन दिया है.
फेसबुक पर न्यूज़ पार्टिसिपेशन की वाइस प्रेसिडेंट कैंपबेल ब्राउन ने कहा, “हम एक समझौते पर पहुंचे हैं, जिसके मुताबिक़ सपोर्ट के लिए हम पब्लिशर्स को चुन सकेंगे, जिनमें छोटे और स्थानीय पब्लिशर्स शामिल होंगे.”
फ़ेसबुक का अपना एक ख़ुद का “शोकास” प्रोडक्ट है, जिसके ज़रिए वो मीडिया संस्थानों को अपने प्लेटफॉर्म पर स्टोरी दिखाने के लिए भुगतान करता है.
हालांकि ऑस्ट्रेलिया के नए क़ानून के तहत फ़ेसबुक पर न्यूज़ लिंक को शेयर करने और पोस्ट करने के लिए पैसा देना होगा.
बीते गुरुवार से ऑस्ट्रेलिया में कोई भी अपने अकाउंट पर न्यूज़ स्टोरी देख या शेयर नहीं कर पा रहा है. (bbc.com)