सामान्य ज्ञान
केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग और टैक्नोलॉजी का केन्द्रीय संस्थान (सिपेट)एक स्वायत्त शासी संस्था है और यह अकादमिक, टैक्नोलॉजी और अनुसंधान के लिए देशभर में प्लास्टिक और संबद्ध उद्योगों के लाभ के लिए काम करती है। इसे आईएसओ क्यूएमएस, एनएबीएल, आईएसओ/आईईसी के लिए विशेष शिक्षा देने वाले संस्थान के लिए मान्यता प्राप्त संस्था के रूप में जाना जाता है तथा पॉलीमर साइंस और टैक्नोलॉजी विषय में शॉप से लेकर फ्लोर तक के व्यवसायों में पीएचडी लेवल तक का प्रशिक्षण देता है।
12वीं योजना अवधि में सिपेट के लिए देशभर में बढ़ रहे प्लास्टिक उद्योग के लिए महत्वपूर्ण कौशल उपलब्ध कराने के लिए आदेश प्राप्त है। खासतौर से 2020 तक इस संस्था ने प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 6 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने की प्रतिबद्धता ले रखी है। इस लक्ष्य के अनुसार सिपेट 12वीं योजना के दौरान 2 लाख लोगों को अपने व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए ट्रेनिंग देगा।
प्लास्टिक क्षेत्र की प्रगति कौशल विकास के जरिये तेज करने के उद्देश्य से सिपेट ने 2013-14 में विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए 39 हजार लोगों के कौशल विकास की प्रतिबद्धता ले रखी है, जबकि 2012-13 में यह उपलब्धि 26 हजार 277 व्यक्तियों की थी।
संविधान में राज्य सूची में कितने विषय हैं?
संविधान में राज्य सूची में स्थानीय महत्व के 66 विषय रखे गए थे। लेकिन 42 वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा राज्य सूची के चार विषय- शिक्षा , वन ,ं जंगली जानवरों और पक्षियों की रक्षा तथा नाप- तौल को समवर्ती सूची में शामिल कर दिया गया था। इसलिए अब राज्य सूची में 62 विषय रह गए हैं। इसमें मुख्य विषय है- पुलिस,न्याय, जेल, स्थानीय स्वशासन, सार्वजनिक स्वास्थ, कृषि, सिंचाई, सडक़ें आदि। इन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडलों को है।