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-हिमांशु शेखर मिश्र
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (एम्प्लॉयीज़ प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइज़ेशन), यानी EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ की श्रीनगर में गुरुवार को अहम बैठक हो रही है, जिसमें करोड़ों PF खाताधारकों को वित्तवर्ष 2020-21 में दिए जाने वाले ब्याज की दर पर फैसला हो सकता है.
गौरतलब है कि इस साल के आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिक आय वाले कर्मचारियों, यानी हाई-इनकम कर्मचारियों को उनके EPF कॉर्पस पर हर साल ब्याज से होने वाली कमाई को 'रिस्ट्रिक्ट', यानी सीमित करने का प्रस्ताव रखा है, यानी भविष्य निधि, या PF पर ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स से छूट की सीमा को सीमित करने की घोषणा की गई है.
तय किया गया है कि PF खाताधारकों को ढाई लाख रुपये तक के सालाना अंशदान पर जो ब्याज मिलता है, सिर्फ उसे ही टैक्स से छूट मिलेगी. इसके अलावा किसी भी हाई-इनकम PF खाताधारक को, जिसका सालाना अंशदान ढाई लाख रुपये से ज़्यादा है, ब्याज से होने वाली आय पर आयकर देना होगा. यह नया प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2021 के बाद किए गए वार्षिक कर्मचारी अंशदान पर लागू होगा.
बजट में कहा गया था कि जिन लोगों का भी किसी वित्तीय वर्ष में पीएफ में जिनका सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें इसके ब्याज पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी. मौजूदा दौर में पीएफ के अंशदान पर मिलने वाले ब्याज पर किसी भी तरह का कोई इनकम टैक्स नहीं है.