सामान्य ज्ञान
सेरेस यह सबसे छोटा बौना ग्रह है। इसे पहले 1 सेरेस के नाम से क्षुद्रग्रह माना जाता था। इसकी कक्षा है 44 करोड़ 60 लाख किमी सूर्य से।
वहीं व्यास है 950 किमी। सेरेस कृषि का रोमन देवता है। इसकी खोज गुईसेप्पे पिआज्जी ने 1 जनवरी 1801 में की थी।
सेरेस मंगल और बृहस्पति मे मध्य स्थित मुख्य क्षुद्र ग्रह पट्टे में है। यह इस पट्टे में सबसे बड़ा पिंड है। सेरेस का आकार और द्रव्यमान उसे गुरुत्व के प्रभाव में गोलाकार बनाने के लिये पर्याप्त है। अन्य बड़े क्षुद्रग्रह जैसे 2 पलास, 3 जुनो तथा 10 हायजीआ अनियमित आकार के हंै।
सेरेस का एक चट्टानी केन्द्रक है और 100 किमी मोटी बर्फ की परत है। यह 100 किमी मोटी परत सेरेस के द्रव्यमान का 23-28 प्रतिशत तथा आयतन का 50 प्रतिशत है। यह पृथ्वी पर के ताजे जल से ज्यादा है। इस के बाहर एक पतली धूल की परत है। सेरेस की सतह ‘ष्ट’ वर्ग के क्षुद्रग्रह के जैसी है। सेरेस पर एक पतले वातावरण के संकेत मीले है। सेरेस तक कोई अंतरिक्ष यान नहीं गया है, लेकिन नासा का डान इसकी यात्रा 2015 मे करेगा।