सामान्य ज्ञान

माउंड्स ऑफ़ मड
10-Apr-2021 12:13 PM
माउंड्स ऑफ़ मड

माइंड्स ऑफ मड को  इसे दलदल के अंदर का ज्वालामुखी भी कह सकते हैं। पृथ्वी के अंदर की गैस जब पृथ्वी की कमज़ोर सतह को तलाश लेती है तो वहां निकलने की कोशिश करती है  । उस दबाव के चलते पृथ्वी की सतह पर दलदल जैसी स्थिति बनती है ।
पूर्वी अजऱबैजान ऐसी दलदलीय ज्वालामुखी का घर है।   दुनिया भर के एक हज़ार दलदलीय ज्वालामुखी में एक तिहाई यहीं स्थित हैं  । ज्वालामुखी का शीर्ष पृथ्वी से 700 मीटर की ऊंचाई तक स्थित होता है और 10 किलोमीटर के दायरे में भी फैला हो सकता है  । इनमें से ज़्यादातर 400 मीटर की ऊंचाई पर होते हैं   । आम ज्वालामुखी के उलट यह ठंडा होता है, लेकिन यह भी उतना ही खतरनाक होता है । इसकी चपेट में आने के बाद इंसान का दम घुट जाता है ।

स्पेन का नया द्वीप

स्पेन के द्वीपसमूह कैनरी आइसलैंड से मात्र कुछ ही दूरी पर एक नया द्वीप जन्म ले रहा है। इन दिनों स्पेन के द्वीपसमूह कैनरी आइसलैंड से मात्र 70 मीटर की दूरी पर समुद्र की गहराइयों में फूटे ज्वालामुखी के कारण एक नया द्वीप जन्म ले रहा है। आसपास रहने वाले लोग इस प्राकृतिक घटना के साक्षी बन रहे हैं।
एल हेरो के नजदीक स्थित कैनरी द्वीप के पास खौलते समुद्र से 20 मीटर की ऊंचाई तक लावा की धाराएं फूट रही हैं और चारों तरफ हवा में सल्फर की गंध फैली हुई है। फूट रहा ज्वालामुखी सतह से करीब 3 हजार फीट नीचे है। जैसे-जैसे समुद्र से प्रकट होते द्वीप का आकार फैल रहा है, वैसे-वैसे ज्वालामुखी से ज्यादा मात्रा में मलबा, पत्थर और कीचड़ बाहर निकल रहा है। अब तक समुद्री ज्वालामुखी की यह विस्फोटक शक्ति सतह के नीचे ही दिखाई देती थी, लेकिन वैज्ञानिक और आसपास के द्वीप वासी प्रकृति की इस शक्ति का साक्षात कर रहे हैं। द्वीपवासियों में इस बात को लेकर बहस चल रही है कि इस नए द्वीप को क्या नाम दिया जाए।
समुद्र में जिस जगह यह द्वीप प्रकट हो रहा है, वह सतह से 100 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित एल हेरो के पास है और विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समुद्री ज्वालामुखी का फूटना जारी रहा तो यह नया द्वीप मुख्यभूमि से मिल जाएगा। समुद्र में फूटे इस ज्वालामुखी के कारण कैनरी द्वीप के घरों को खाली करवा दिया गया है और आसपास की सडक़ों को बंद कर दिया गया है. समुद्र में जहाजों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई  है। इस द्वीप में 500 से भी ज्यादा सुप्त ज्वालामुखी हैं ।  
एल हेरो में पिछला ज्वालामुखी वर्ष 1771 में फूटा था जबकि कैनरी 
 

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