सामान्य ज्ञान
अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा परिषद (ईरेना) की स्थापना 26 जनवरी 2009 को अंतर-सरकारी संगठन के रूप में बेहतर ऊर्जा भविष्य के उद्देश्य के साथ की गई थी। यह अक्षय ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच, उत्कृष्ट नीति केंद्र, प्रौद्योगिकी, संसाधन और वित्तीय ज्ञान के भंडार के रूप में कार्यरत है। इसके कुल 140 सदस्य हैं जिनमें भारत संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल है।
ईरेना की दो प्रमुख संरचनायें हैं, ईरेना असेंबली तथा ईरेना काउंसिल। काउंसिल बड़े स्तर पर निर्णय लेती है तथा इसे समग्र नीति निर्देश देती है। परिषद सभा का प्रमुख निकाय है जो परिषद के सभी फैसलों के लिए उत्तरदायी है। केन्या के नागरिक, अदनान जेड अमीन इसके महानिदेशक हैं। 10 जून 2015 से शुरू होने वाली अंतरराष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा परिषद की नौंवी बैठक के लिए 10 अप्रैल 2015 को भारत का नाम अध्यक्ष राष्ट्र के तौर पर चुना गया है। यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में आयोजित की जाएगी। भारत 21 सदस्यों की इस परिषद की अध्यक्षता करेगा जिसमें भविष्य की योजनाओं के लिए मार्गदर्शन तथा जनवरी 2016 में होने वाली वार्षिक बैठक के लिए एजेंडा तय करने में भी भारत की मुख्य भूमिका होगी। परिषद की आठवीं बैठक अबू धाबी में नवंबर 2014 में हुई।
आईवरी कोस्ट
कोत द ईवोआर, पुराना नाम आईवरी कोस्ट पश्चिम अफ्रीका में स्थित एक देश है। यहां की सरकार देश के अंग्रेजी नाम आईवरी कोस्ट के प्रयोग को आधिकारिक रूप से हतोत्साहित कर फ्रांसीसी शब्द कोत द ईवोआर के प्रयोग को महत्व देती है। 1985 में देश की सरकार ने देश का नाम आधिकारिक रूप से कोत द ईवोआर कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि भविष्य मे देश को सभी भाषाओं में इसी नाम से जाना जाए। इसकी सीमाएं पश्चिम में लाईबेरिया एवं गिनी से, उत्तर में माली एवं बुर्किना फासो से, पूर्व में घाना से एवं दक्षिण में गिनी की खाड़ी से मिलती है।
देश में लोकतंत्र है, लेकिन राष्ट्रपति के हाथों में अत्यधिक कार्यपालन शक्तियां निहित हैं। देश की राजधानी यामोसुकरो है, और आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है। देश 19 क्षेत्रों और 58 विभागों में विभक्त है। कोत द ईवोआर की अर्थव्यवस्था बाजारवाद पर आधारित है, और कृषि पर अत्यधिक निर्भर है।