सामान्य ज्ञान
सियाचीन ग्लेशियर को पाकिस्तान के नापाक इरादों से बचाने के लिए ढाई दशक पहले 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन मेघदूत चलाया था। भारत ने 1985 में ऑपरेशन मेघदूत के ज़रिए एनजे-9842 के उत्तरी हिस्से पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था।
नूबरा घाटी के सालटोरो रिज की रणनीतिक ऊंचाईयों से नियंत्रण कायम करने के उद्देश्य से 13 अप्रैल, 1984 को ऑपरेशन मेघदूत की शुरूआत की गई थी। ऑपरेशन की सफलता के 31 वर्ष पूरे हो गए हैं। ऑपरेशन मेघदूत का फैसला बहुत सोच समझकर लिया गया था। ऑपरेशन मेघदूत के तहत भारतीय सैनिकों को वायुसेना के विमानों से ऊंचाई वाली एयरफील्ड तक पहुंचाया गया। वहां से चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के जरिए सैनिकों को ग्लेशियर की उन चोटियों तक पहुंचा दिया गया, जहां तब तक इंसानों के कदम नहीं पड़े थे। जब पाकिस्तानी फौज इस इलाके में पहुंची तो उन्होंने पाया कि करीब 300 भारतीय जांबाज पहले से ही सियाचिन, सलतोरो ग्लेशियर, साई-लॉ, बिलाफोंड लॉ दर्रे पर कब्जा जमाए बैठे हैं। तब से भारतीय फौज सियाचिन की दुर्गम पहाडिय़ों पर हर तरह के मुश्किल हालात का सामना करती हुईं डटी हुई है।