सामान्य ज्ञान
सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) का गठन महान दूरदर्शी और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा मार्च, 1960 में किया गया। इसके गठन का उद्देश्य देश के उत्तरी तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में सडक़ नेटवर्क के तीव्र विस्तार में समन्वय स्थापित करना था।
सीमा सडक़ संगठन दल में भारतीय थल सेना तथा जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) से संबंधित कुशल अधिकारियों का समूह होता है जिसका नेतृत्व थल सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के हाथ में होता है। पिछले 52 वर्षों के दौरान इस संगठन ने दुर्गम और बीहड़ इलाके, प्रतिकूल जलवायु, खराब मौसम और उग्रवाद की स्थिति का सामना करते हुए देश सेवा में अपना योगदान दिया है।
अब तक इस संगठन ने देश के दुर्गम तथा दूर-दराज क्षेत्रों में लगभग 50 हजार 5 सौ किलो मीटर सडक़ का निर्माण, 42 हजार मीटर लंबाई के 430 बड़े स्थाई पुलों के निर्माण के अलावा 19 हवाई अड्डों का भी निर्माण किया है और इनका निर्माण कार्य उन क्षेत्रों में किया गया है जहां कोई निर्माण एजेंसियां शायद ही कार्य करने का साहस कर सकें। फिलहाल बीआरओ कई सडक़ों के निर्माण कार्य में लगा हुआ है जिसमें नये निर्माण के साथ-साथ एक लेन वाले सडक़ को दो लेन में विकसित करना भी शामिल है। बीआरओ लगभग 22 हजार 500 किलो मीटर सडक़ का रख-रखाव कर रहा है। इसके अतिरिक्त यह संगठन प्रतिवर्ष 95 सडक़ों (3 हजार किलो मीटर) पर बर्फ हटाने का कार्य करता है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क बना रह सके।